भारत में सबसे ज्यादा वृद्ध आश्रम किन राज्य में है.!
भारत -दुनिया में पिछले हजारों साल पहले जब कुछ नहीं हुआ करता था! जैसे -सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार,तथा किसान हुआ करते थे! मगर आज के पहले जब कंप्यूटर नहीं था तब के इंसान में अच्छी सोच नेक विचार और अच्छा दिमाग का प्रयोग हुआ करता था! जब से दुनिया में टेक्नोलॉजी आई टेलीग्राम, टेलीफोन,कंप्यूटर, वारलेश,पेजर,मोबाइल,का अब दुनिया चलने लगा तब से इंसान खुद ही कंप्यूटर बन गए!
भारत मेंइस प्रकार से अब तेजी से टेक्नोलॉजी बहुत फास्ट ट्रैक पर चल रही है! इंसान भी अपने जीवन का बहुत तेजी से दौड़ा रहे हैं! आज की तेजी की इंसान की दुनिया में लोग मानवता और इंसानियत को धीरे-धीरे खत्म करते जा रहे हैं! उदाहरण हजारों साल पहले और हजारों साल अब में क्या अंतर हैं! दूनिया में आज से पहले के इंसान में सबसे बड़ी इंसानियत हुआ करता था! मगर आज के इंसान की दुनिया में इंसानियत ख़त्म हो चुकी है!
जैसे-जैसे विकास हो रहा हैं वैसे वैसे इंसानियत की इंसानियत खत्म होते जा रही है.!
भारत में किस राज्य में वृद्धाश्रमों की संख्या अगर समझा जाए तो इंसानियत की मानवता का विनाश होते जा रहा है! जहां देखो वहां एक दूसरे को लोग समय नहीं दे पा रहे हैं! यह समझा जाए की भागम भाग की जीवन में लोग जी रहे हैं! यह जिंदगी तब रूकती है जब आखिरी सांस चलती है! तब इंसान पछतावा करता है की मैंने अपने जीवन में पैसे के आगे इंसानियत को भूल गया था ! आज के युग में इंसानियत नहीं पैसे बड़े हैं!आज की दुनिया के युग में देखा जाए लोग पैसे के पीछे भाग रहे है!’ हर इंसान का एक मकसद बन गया है सिर्फ पैसा कमाना दुनिया में पैसा सब कुछ पैसा ही होता है! मगर आज के 10% लोग दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो पैसा कम हो चलेगा मगर उनके लिए इंसानियत सबसे जादा रखते हैं!
भारत में जिससे आज के समय में कुछ लोग समाज सेवा के रूप में अपनी जीवन का मूल्यवान समय दे रहे हैं! इसका अर्थ होता है! इसका अर्थ होता की आज भी भारत के दुनिया में 10% लोगों में इंसानियत जिंदा है! जो समाज सेवा धर्म सेवा मानवता की सबसे बड़ी मिसाल है औरों के लिए अपना मूलवान समय देकर समाज सेवा कर रहे हैं!और आज कुछ लोग इस प्रकार से हैं”अपने खुद के माता-पिता का सेवा करना भूल गए हैं!
भारत का कौन सा राज्य में वृद्ध आश्रम सबसे ज्यादा हैं!
भारत के राज्य केरला है’ जहां पर सबसे ज्यादा शिक्षित माने जाते हैं! वहां के लोग जादा शिक्षा होने के बाद अपनी संस्कृति को भूल जाते हैं! शिक्षा को सरस्वती का रूप कहा जाता है! जहां पर सरस्वती माता का पूजा की जाती है जिसे शिक्षा से संबंधित सरस्वती माता का बन्दना भी किया जाता है! आज उसी भारत के राज्य केरल में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे शिक्षित होने के बाद लोग भारत से यूरोप और विदेशों नौकरी और ब्यपार के चक्कर में देश छोड़कर विदेश में बैठे हुए हैं ! अगर कहां जाए तो लोग विदेशों में नौकरियां व्यापार में मस्त है! इसके पीछे उनके माता और पिता का दिया हुआ शिक्षा और मेहनत लगन था! मगर आज उन्ही लोगों में से लगभग लाखों की संख्या में लोगों ने भारत छोड़ने के बाद अपने माता-पिता को देखने तक नहीं आए हैं!
मजबूर माता-पिता वृद्धआश्रम में कैसे अपनी जीवन जी रहे हैं !
इसके पीछे पैसे की हवस हैं ! ऐसे व्यक्ति जीवन में हाय पैसा हाय पैसा करके अपने जीवन को नष्ट कर लेते हैं! दूर तक सोने की बात है’ क्या जादा पैसे कमाने से जवानी से बुढ़ापा नहीं आएगी जब मनुष्य का जन्म हुआ हैं उसे तीन रूप में जाना होता हैं”बचपन, जवानी और बुढ़ापा हर एक व्यक्ति को तीन रूप गुजरना पड़ता हैं ! इंसान दुनिया देख रहा है सभी की जवानी बुढ़ापा आती रहती है! तब इंसान देखकर अपने अपने आप को सुधार नहीं पता कभी यह सोचना चाहिए कि मैं जवान हूं पैसे कमा रहा हुँ पैसा से व्यवस्था ठीक हो सकती है! सनातन संस्कृति और बात व्यवहार नहीं ठीक नहीं हो सकता ! अगर सोचा जाए इस दुनिया में पैसे से ज्यादा माता-पिता और परिवार होते हैं!
परिवार और माता-पिता बड़े सौभाग्य से मिलते है! जो पुत्र अभागा हैं वह पुत्र में कभी इंसानियत नहीं होंगी ना ही परिवार ना ही माता-पिता सिर्फ उसके लिए पैसे पैसे पैसे- पैसा जीवन में रह सकता है! संस्कार और आखिरी इच्छा पूरी नहीं हो पाती यही मनुष्य का सबसे बड़ी कमजोरी है!भारत देश के लोग अपने ही माता-पिता को अपने स्वार्थ अपने मतलब अपने शौक के लिए अपने ही कर्म दाता जन्म दाता जैसे माता-पिता को त्याग देते हैं!
भारत में ऐसे पुत्र ना परिवार के विश्वसनीय होते हैं ना ही देश की प्रति विश्वासनीय होंगे! इस दुनिया में जो अपने मां-बाप अपने देश का नहीं हुआ तो किसी और का क्या होगा!यह बात हर व्यक्ति सोचना चाहिए मां जन्मदाता पिता कर्म दाता से बढ़कर दुनिया में कोई और धन और दौलत संपत्ति नहीं होती हैं’मगर आज शिक्षा किस रास्ते पर लोगों ले जा रही है! जो अपनी मां और अपने पिता से ही लोग़ दूरी बना लेते हैं !आज के भारत भारत लोग विदेश में बैठे हुए हैं,कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी पत्नी को शादी के बाद अपनी पत्नी की बातों में आकर अपने माता-पिता को घर से बेघर कर देते हैं.!
भारत में वृद्ध आश्रम किन-किन राज्यों में सबसे अधिक हैं!
1) भारत राज्य केरल
2) भारत राज्य पश्चिम बंगाल
3)भारत राज्य तमिलनाडु
4)भारत राज आंध्र प्रदेश
5)भारत राज्य महाराष्ट्र
6)भारत राज कर्नाटक
7)भारत राज्य गुजरात
8)भारत राज्य उत्तर प्रदेश
भारत का और भी राज्य हैं”
Bharat :भारत के हर राज्य में वृद्ध आश्रम धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं! इसका कारण है कि लोगों की मानसिकता इतना गिर चुका है कि मानव शब्द धीरे-धीरे खत्म हो रहा है! पहले कहावत हुआ करता था लोग कुत्ते पालते थे! मरते दम तक उसे घर का रखवाली करता था! मगर आज के इंसान धीरे-धीरे पूरी तरह मानवता खत्म करते जा रहे हैं !यह तो देश की शासन प्रशासन एवं सामाजिक ट्रस्ट,सामाजिक संस्था,द्वारा लोगों की सेवा की जा रही है !
भारत में किस राज्य में वृद्धाश्रमों की संख्या सबसे अधिक है,
तरह-तरह के कानून तथा अन्य सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से लोगों की अन्य माता-पिता की सेवा गैर लोग अपना समझकर सेवा कर रहे हैं!आज की दुनिया में कुछ तो मानवता बची है जिससे आज देश चल रहा है.!