(Gramineae) बांस के पेड़ों से क्या-क्या उपयोग होता रहा है?

बाँस,ग्रामिनीई (Gramineae)

बैब्यूसा (Bambusa), डेंड्रोकेलैमस (बाँस) (Dendrocalamus)

दुनियाँ में बांस के पेड़ों से क्या-क्या उपयोग होता रहा है!

भारत ही नहीं पूरी दुनिया में एक ऐसा वृक्ष होता है जिसका नाम बाँस होता है! बाँस एक ऐसा पेड़ हैं की दुनियाँ के सभी देशों में पाया जाता हैं! यह एक ऐसा (वृक्ष) पेड़ है” कि जो इसकी प्रजातियां ही अलग होती है! ना ए फल देता है ना छाव देता है! मगर मनुष्य का सबसे बड़ा साथी वाला पेड़ हैं देखा जाय की अनेक अनेक कलाओं से भारी खूबियां होती हैं.! जैसे पुराने जमाने के राजाओं द्वारा – बाँस का सबसे ज्यादा उपयोग करते थे!

*बाँस की लकड़ी को कहां-कहां उपयोग किया जाता है!

1)प्राचीन काल से हजारों हजारों साल से बाँस के पुल्ले यानी लकड़ी से पहले के जमाने में पानी के चलने के लिए नाव बनाया जाता था, आज भी बहुत से देश में बाँस से नदी, नाले,में पूल बनाए गए हैं!

2) TRee- (Gramineae) बाँस से हजारों साल पहले की बात है! बाँस की पुल्ले में लोग पानी रखने का इस्तेमाल किया करते थे! जैसे! हजारों साल पहले लोग जंगलों में रहा करते थे! तथा जंगल के बाहर हाथी घोड़े गधे से जब चला करते थे! रास्ते में पानी पीने के लिए बांस के पुल्ले की इस्तेमाल किया जाता था – उसी में लोग पिने के पानी रक्खा करते थे!

3) जंगल में रहने वाले बनवासी और आदिवासी द्वारा बास की धनुष बाण बनाया करते थे! जिससे जानवरों को दूर से उससे बध कर सके और खुद से सुरक्षित कर सके!

4) बाँस के बड़े-बड़े लड़कियों से बड़े-बड़े घरों में उपयोग किया जाता था! इसे कच्चे मकान में मकान के ऊपर मकान के चारों तरफ जमीन से इस घर बनाने में काम लिया जाता था!

5) हरे बांस Gramineae,के लड़कियों से लकड़ी के बर्तन बनाए जाते थे! जैसे की दोरी,खांची, छोटे छोटे, लड़की से अनेक अनेक प्रकार के डिजाइंस बरतन बनाने के उपयोग किया जाता था, और आज भी किया जा रहा है!

6) (Gramineae) बाँस की पुल्ले से आयुर्वेद में दवा के काम में लाया जाता है! कभी-कभी कुछ राज्यों में इसको खाया भी जाता है! जैसे इसकी जड़ से नई जड़ जब निकलती है! लोग इसका सूप बनाकर पी पीते हैं और सब्जी बनाकर भी खाते हैं! इस संबंध में आयुर्वेद से संबंधित डॉक्टर को ज्यादा अनुभव होता है! बाँस की पेड़ एक ऐसा पेड़ हैं”

*बाँस की एक पेड़ लगाने से हजारों लाखों की संख्या में कैसे बढ़ने लगता है!

बाँस की पेड़ यह जंगलों में पाए जाते हैं और गांव में भी पाए जाते हैं! यह पेड़ बहुत सुकून देने वाला पेड़ होता है! *एक पेड़ से कितने फायदे यह अपने आप में बहुत अद्भुत है! आज भी दुनिया की जंगलों में रहने वाले आदिवासी बनवासी बाँस की लकड़ी का ही ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं! इसी बाँस से आग जलाने के काम में लाया जाता था! आग जलाने की परंपरा बाँस से शुरू हुई थी!

जैसे- सूखे सूखे बाँस की लकड़ियों को आपस में घिसने से आग पैदा होता हैं! दुनिया में हजारों साल पहले की बात हैं लोगों कहना है की पहली बार आग जलाने के लिए! बाँस का ही उपयोग किया गया था!

*एक बाँस के पेड़ो से कितने फायदे होते हैं!

धरती पर इसी प्रकार से अनेक अनेक प्रकार के पेड़ पौधे होते हैं! हर पेड़ पौधों को अपना-अपना महत्व होता है! कोई छांव देने वाले पेड़ होते हैं” कोई फल देने वाला होता है”कोई लकड़ी देने वाला होता है! मगर बाँस का एक ऐसा पेड़ होता हैं!

Gramineae,बाँस की कलाकारी

ना फल देता है ना ही छाव देता है’ मगर घर बनाने के लिए लकड़ी काम आते हैं, लकड़ी की उपयोग करने के लिए बर्तन काम आते हैं! पानी में तैरने के लिए, नाव बनने के लिए हर उस जगह काम आता हैं जहाँ और कोई पेड़ काम नहीं आता वहाँ पर बाँस की पेड़ को काम में लाया जाता हैं ! बास की लोंग धनुष बांण बना कर लोंग अपनी रक्षा के लिए लोंग रखते थे, जंगल में जानवर का शिकार भी किया करते थे!

Gramineae) बांस के पेड़ों की इतिहास!

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