Dahej- दहेज प्रथा नहीं भीख मागने की कला है.!

Dahej- दहेज प्रथा नहीं भीख मागने की कला है.!

भारत में दहेज क्या है!

भारत में दहेज की प्रथा क्या है! भारत -जिस प्रकार से भारत में दहेज प्रथा चल रही है यह समाज को तोड़ने की प्रथा चल रही है! मगर लोग लड़के वाले दहेज लेकर यह इस फैशन समझने लगते हैं!

*कन्या पक्ष से दहेज लेना महापाप है!

भारत में कहते हैं की कन्या का विवाह करना बहुत अच्छी बात है कन्यादान करना अच्छी बात है कन्यादान करवाना अच्छी बात है! समाज में बुरी बात यह है कि जो दहेज लिया जाता है दहेज लेना महाधोर पाप है! भारतीय समाज को सोचने की बात है कि एक तरफ लड़की का जन्म होता है बचपन से लेकर उसकी प्रोगेश,शिक्षा उसके शिक्षा को पूरी शिक्षा करवाने तक के लड़की के माता और पिता के कितने रुपए खर्च करते होंगे और वही लड़कियां एक मां और पिता के लिए पराई हो जाती है! लड़कियां एक पराया धन समझा जाता है इसलिए कि कि जिस घर में उनका जन्म कर्म होता है एक दिन उस घर से उनकी विवाह करके किसी और के घर में उनका जीवन साथी के रूप में उन्हें नया परिवार मिल जाता है!

Dahej-भारत के लोग इतने नीचे क्यों गिर गए हैं!

जहां तक भारत देश की बात की जाए लड़कियां हर घर में होती हैं एक लड़की का अनेक -अनेक रूप होता है! जैसे – किसी की बेटी होती है किसी की हो होती है किसी की पत्नी होती है! किसी की मां होती है! किसी की सासू मां भी बनती हैं!वक्त वक्त की बात हैं! समय के अनुसार सब कुछ बदल जाता है! जब एक कन्या अपने ससुराल में सासू मां बन जाती हैं खुशी सासू मां को क्या सोचना चाहिए कि हमारी बहू आने वाली है! उससे दहेज ना लिया जाए! मगर सासू मां हो या ससुर जी हो या उनके पुत्र हूं बिना दहेज का कन्याएं घर में नहीं आती हैं! भारत देश में ऐसे भी लोग हैं जहां पर दो-चार प्रतिशत लोग जो सम्मानित – और दिल के राजा की तरह होते हैं बहुत दहेज विरोधी स्वयं होते हैं! समाज ऐसे इंसान बहुत कम पाए जाते हैं!

*भारत के समाज में सरकारी नौकरी और दहेज की क्या रिश्ता है!

आज भारत के समाज जिस प्रकार आजादी के बाद से शिक्षा में जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे वैसे ही इंसान की नियत बिगड़ती जा रही है! आज कोई डॉक्टर बन गया कोई इंजीनियर बन गया कोई सरकारी नौकरी पा गया! उसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है ! फिर लड़की वाले सोचते हैं कि हमें अच्छा दामाद चाहिए जो नौकरी वाला हो पैसे वाला हो मगर ओं भूल जाते हैं कि!

Dahej- दहेज प्रथा नहीं भीख मागने की कला हैं जहां दो परिवार के रिश्ते जुड़ रहा है! वहां पर दहेज प्रथा को बंद कर देनी चाहिए मगर जैसे भारत में शिक्षा बढ़ रही है! वैसे वैसे दहेज जैसे अपराध बढ़ रहा हैं! कितनी शादियां के बाद में भी दहेज प्रथा का पीछा नहीं छोड़ते हैं लड़कियों से मारपीट करना लड़कियों को घर से निकाल देना इस प्रकार से हर वर्ष कई हजार मामले न्यायपालिका में चलते रहते हैं! बहुत शर्म की बात है जहां दो परिवार दो रिश्ते एक ही जाती एक ही समाज के लोग आपस में दहेज प्रथा के लिए लड़ पड़ते हैं! इसका अर्थ होता है आज की भारत में मानवता धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है!

*भारत में सैकड़ो साल पहले भारत में बिना दहेज का शुभ विवाह कैसे किया जाता था!

भारत सदियों से भारतीय संस्कृति के रूप में जाना जाता है! यह भारत देश राम कृष्ण जैसे महावीर बुद्ध जैसे बड़े-बड़े ऋषि मुनियों को जन्म हुआ है ! भारत की संस्कृति और सभ्यता दुनिया से बहुत अलग हुआ करती थी! जब से भारत में टेक्नोलॉजी और शिक्षा सबसे आगे बढ़ रहा है! वैसे वैसे लोगों की नियत बिगड़ती जा रही है चाय अपराध की दुनिया हो चाहे दहेज की दुनिया हो अगर देखा जाए तो आज के लोग इतने गिर चुके हैं अपने मां-बाप को भी पहचानना भूल जाते हैं! इसके पीछे परिवार की संस्कृति और किसी विशेष परिवार के मां-बाप का संस्कृत उसे बच्चों को कैसा दिया गया है! जिसे कहते हैं मां बाप का संस्कार जैसा था वैसा बच्चे बनते है!

*जैसा पेड़ लगाओगे वैसा फल पाओगे!

भारत में ही पूरी दुनिया में कहा गया है जैसा पेड़ लगाओ वैसा फल पाओगे इसलिए हमेशा बच्चों को अच्छा संस्कार देना चाहिए दहेज विरोधी बनना चाहिए सामाजिक या कानूनी अपराध नहीं करना चाहिए! अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए! आज के भारत में कंप्यूटर के मोबाइल की दुनिया में लोग कंप्यूटर मोबाइल से ज्यादा आगे हैं! भारत में धीरे-धीरे भारत के रहन-सहन की संस्कृति खत्म हो रही है! भाई भाई का नहीं पड़ोसी पड़ोसी का नहीं इसका आर्थिक एक दूसरे में सहन करने की क्षमता खत्म होते जा रही है! यह संस्कृति को विनाश करने में सिर्फ कागज के टुकड़े जिसे रुपया कहा जाता है!

सिर्फ एक मोह माया में लोग अपने को पराया समझने लगते हैं! अब मनुष्य के जीवन में जब आखिरी सांस लेते हैं उन्हें रुपया काम नहीं आता है! ना ही उनका परिवार काम आता है! कहावत सत्य है खाली हाथ आए थे खाली हाथ जाओगे! भारत के लोग हो या दुनिया में किसी भी देश के लोग हैं.!

* पहले दुल्हन डोली में थी!

Dahej- दहेज प्रथा नहीं है,

भारत में दहेज प्रथा बंद होनी चाहिए भारतीय संस्कृति को दुनिया में दोबारा जन्म देनी चाहिए! शिक्षा कभी नहीं कहता है अहंकार में जिओ मगर आज के कुछ लोगों ने ABCD पढ़ लेते हैं! अपनी संस्कार को भूल जाते हैं अपने परिवार को भूल जाते हैं अपने समाज को भूल जाते हैं.!

*शिक्षित रहो सतर्क रहो,

*सावधान रहो,सामाजिक रहो

*देशभक्त रहो,जीवन का यही सत्य हैं!

Dahej- दहेज प्रथा नहीं भीख मागने की कला है,

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