Benefits of Mahua: महुआ का पेड़ काफी गावों व जंगलों में पाए जाते हैं, और गांव में भी लगाए जाते हैं। जिससे इसका फूल तथा फल मार्च महीने गर्मी के सीजन से शुरुआत होती है, अप्रैल में तक फूल फल दोनों देता हैं।
महुआ का वृक्ष जो होता है यह अपने आप में बहुत अद्भुत होता है। धरती पर अनेक अनेक वृक्ष होते हैं। उसमें से यह अलग होता है महुआ का फूल जो होता है पीले रंग के फूल होते हैं इसका उसके बाद उस में फल लेता है।
महुआ का फूल यानि फल छोटे-छोटे होते हैं यह मार्च के महीने में फूल देता है फुल इसका खाने से बहुत मीठा होता है इसका फुल अपने आप जमीन पर गिर जाता है। लोग उसको उठा कर लाते हैं घर पर उसकी कड़ी धूप में सुख पाया जाता है जो सूखने के बाद में उसे लोग सुबह में चना या मटर मिलकर के उबाला जाता है उसे गांव में लोग नाश्ते के रूप में नाश्ता करते हैं।
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Benefits of Mahua: महुआ के फूल और फल के फायदे
आज के भारत की धरती पर महुआ का पेड़ धीरे-धीरे कम होते जा रहा है लोग महुआ के पेड़ को नष्ट करते जा रहे हैं। जहां जहां पर महुआ का पेड़ नहीं है। महुआ का फूल फल इंसान के शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
महुआ का फूल जो होता है उसे कच्चा भी खाया जाता है जो की मीठा होता है। महुआ के फूल के बाद महुआ का फल भी होता है जिसे फूल गिरने बाद में महुआ का फल भी बड़े-बड़े आकार में होते हैं ।
महुआ के फल को सुखवा कर के मशीन से तेल बनाया जाता है जिससे पूरी भाजी सब्जी में उपयोग किया जाता है। महुआ के फल का तेल बहुत ताकतवर होता है। मार्केट में बहुत महंगा मिलता है । महुआ के तेल निकालने के बाद में महुआ की खरी होती है” उसे गाय भैंस बैल को खिलाया जाता जिससे ताकत मिलती है।
महुआ के फूल से कैसे बनाया जाता है देसी शराब
देखा जाय पिछले सैकड़ो साल पहले लोग महुआ के शराब पिया करते थे। महुआ से शराब कैसे बनाया जाता है। महुआ के फूल को पहले सुखवाया जाता उसके बाद उसे अच्छी जगह पर रख दिया जाता है। फूल को सुखाने के बाद पानी में उसे भीगा करके उबाला जाता है।
उबालने के बाद जो भाफ lनिकलती है ऊपर से उसे एक बर्तन के माध्यम से उसमें छोटी सी नाली लगा दी जाती जो एक-एक बूंद कर करके उसकी भाफ को दारू समझकर याँ देसी शराब बनकर पिया करते थे। महुआ का शराब एक ऐसा शराब होता है” किसी के चोट लग जाती है उसे मालिश करने में भी काम आती है।
मगर धीरे-धीरे महुआ का पेड़ लुप्त होते जा रहे हैं और महुआ का नाम पुराने समय के लोगों को ही पता है मगर आज हुआ को महुआ का पेड़ का नाम सुने जरूर होंगे मगर देख नहीं होंगे। इसलिए की धीरे-धीरे गांव से भी जंगल लुप्त किया जा रहे हैं। खास बात यह है कि महुआ का पेड़ सैकड़ो सैकड़ो साल तक जीवित रहता था महुआ के पेड़ की लकड़ी बहुत मजबूत होती है लोग इस लकड़ी को अपने घरों के दरवाजे खिड़की में लगाने के काम आते थे।
महुआ की वृक्ष
एक महुआ का पेड़ अनेक फायदे हुआ करते थे। महुआ के फूल को नाश्ते में लोग खाया करते थे । महुआ के फल से यानि उसकी बीज से तेल निकाला करते थे। उसकी लकड़ी की मजबूती इतनी होती हैं। सालों साल कई साल तक लोग पानी के स्थान पर उस लकड़ी की उपयोग किया करते थे जैसे कुआँ में मोटर पंखा तथा कुए से पानी निकालने के लिए बडेरी बनाते थे। महुआ के पेड़ के संबंध जो ग्रामीण क्षेत्र के लोग होते हैं। उन्हें ऐसे पेड़ों के संबंध बहुत अधिक जानकारियां होती हैं।
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