World-श्री राम और रावण श्री कृष्णा और कंस-राशि एक था!

World-श्री राम और रावण का श्री कृष्णा और कंस-राशि एक था,कर्म बड़ा या राशि!

श्री राम और रावण श्री कृष्णा और कंस-राशि एक था!

संसार में कितने ग्रह,की राशि,महीने,होते हैं!

जैसे :

*7 दिनों में 7 दिन होते इसका अर्थ होता है कि 7 ग्रह के नाम से 7ग्रह कों दिन बनाया गया है!

*12महीने में 12 नाम के 12 ग्रहण के नाम से 12 महीने बनाए गए हैं! जिसमे 365 दिन होता है!

इसी प्रकार से मनुष्य के जीवन में 12 राशियों के 12 ग्रह होते हैं इस लिए 12 राशि बनाई गई हैं !

*धरती पर ग्रहों में धरती भी एक ग्रह और ग्रहों में सूरज,चंद्रमा,तारे,भी एक ग्रह हैं! यानि लोक हैं!

Bharat : Ayodhya-Mathura

श्री रामचंद्र जी और रावण का एक राशि थी!

दुनिया के संसार की धरती पर जहां भारत वर्ष की बात होती है! जिसे सनातन धर्म में ग्रह और राशि और नक्षत्र को बहुत बड़ा सम्मान दिया जाता है! भारत जैसे पवित्र धरती पर जहां श्री रामचंद्र जी का जन्म हुआ था!

*दूसरी तरफ रावण का भी जन्म हुआ था! जन्म मनुष्य के रूप में दोनों जन का हुआ था ! श्री रामचंद्र जी का तुला राशि हैं! पुरुषोत्तम राम कों विष्णु अवतार माना जाता हैं और उनके ऊंचे विचार ऊंची सोच थी श्री रामचंद्र जी अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र पूरी दुनिया में पूजनीय हैं और पुरुषोत्तम भगवान के राम के नाम से जाने जाते हैं माने जाते हैं’ सनातन धर्म के विष्णु देव हैं!

*दूसरी तरफ तुला राशि के नाम पर पानी पथ उर्फ श्रीलंका के राजा कहे गए रावण का जन्म श्रीलंका में हुआ था जो भारत की धरती थी अगर देखा जाय रावण और श्री राम की राशि एक था यानि तुला राशि जब दोनों जन का एक ही राशि थी मगर कर्म अलग अलग थे! इसका अर्थ होता है धरती पर कर्म प्रधान है! प्रधान ही संसार का सेवक है! रावण और राम दोनों जन का इतिहास और रामायण तथा ग्रंथ में सत्य रूप से लिखी गई हैं!

भगवान श्री कृष्णा और कंस के राशि एक थे !

Bharat: जहाँ गीता की बात होती है” वहां भगवान श्री कृष्ण का नाम पहले आता है गीता एक भारत की सनातन धर्म का सत्य मार्ग का ग्रंथ है! गीता वह है जो गीता का अर्थ होता है! जन्म,कर्म, सेवा,स्वर्ग,नर्क, से संबंधित और मनुष्य के साथ-साथ धरती पर 84000 जीव जंतुओं कों प्रेरणा देने वाली गीता भगवान श्री कृष्ण के अच्छे संदेश अच्छे उपदेश लिखी गई हैं! दूसरी तरफ कंस मामा श्री कृष्ण जी के मामा हुआ करता था एक राक्षस जैसी जीवन जीना और मनुष्य को जीने के लिए मजबूर करने वाला कंस की भी प्राचीन इतिहास लिखी गई है कंस और श्री कृष्ण की एक राशि है! श्री कृष्ण जी का और कंस का मिथुन राशि हैं!

*मथुरा का राजा कंस कुरूर और घमंडी था जो अपनी बहन अपने बहनोई अपने माता-पिता को बंदी बनाकर रखा था! भगवान श्री कृष्णा का उनका उद्देश्य उनके कर्म उनकी ऊंची सोच नेक विचार पूरे संसार को एक प्रेरणा देती है! दूसरी तरफ श्री कृष्णा भगवान के मामा कंस का कुकर्म से पूरी दुनिया में जाना जाता हैं!

*यह उल्लेख 12 राशियों में से मिथुन राशि और तुला राशियों से संबंधित लिखी गई है!

क्या नाम में दोष होता है या समय में दोष होता है! कोई नक्षत्र या कर्म होता हैं! दुनिया में सबसे बड़ा कर्म होता हैं!

श्री रामचंद्र जी एवं -रावण (तुला राशि)
श्री कृष्ण जी एवं -कंस (मिथुन राशि)
हरे राम हरे कृष्णा – दोनों जन का नाम अमर है

आज भी दुनिया में श्री राम जी का श्री कृष्ण जी का एक साथ नाम जोड़कर कीर्तन कहा जाता है हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे, कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे, भगवान श्री कृष्ण भगवान श्री राम के नाम का आज भी देश दुनिया में पूजा किया जाता है और पूर्वज माने जाते हैं! मगर दूसरी तरफ जहां कंस और रावण की बात होती है! वहां उनकी संस्कृति को समाज में अलग रूप से देखा जाता है! भगवान श्री राम जी का तुला राशि और रावण का भी तुला राशि था! भगवान श्री कृष्ण का मिथुन राशि कंस का भी मिथुन राशि था कम अलग-अलग हुआ करते थे! जैसा संस्कार होता है उसी प्रकार से विचार बनाते हैं! इसलिए एक नाम से ऐसा नहीं की सब गलत होते हैं! गलत करने वाली किसी भी राशि क्यों हो, गलत करने वाले गलत करते ही है!

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