man of the world-मनुष्य को किससे और कैसी लड़ाई लड़नी चाहिए!

man of the world-मनुष्य को किससे और कैसी लड़ाई लड़नी चाहिए!

man of the world- दुनिया के मनुष्य को किससे और कैसी लड़ाई लड़नी चाहिए,मगर आज दुनिया में एक इंसान दूसरे इंसान से आपस में लड़ते रहते है’ अगर देखा जाए या सुना जाए कहीं ना कहीं एक दूसरे इंसान से लड़ता रहता है, इंसान से अच्छे जानवर होते हैं जो लड़ते हैं और एक दूसरों को समझते हैं!

एक इंसान दूसरे इंसान से क्यों लड़ते हैं!

world- दुनिया के मनुष्य को किससे और कैसी लड़ाई लड़नी चाहिए,मगर आज दुनिया में एक मनुष्य दूसरे मनुष्य आपस में लड़ता रहता है, मगर उसे मनुष्य को यह पता है’ धरती पर जन्म लेने वाले इंसान,जानवर, पंछी,वृक्ष,तरह-तरह के जीव जंतु इस धरती के मालिक नहीं मेहमान होते हैं” जो इस धरती पर जन्म लिया उसका आखरी में अंत होना तय होता है” दुनिया में देखा गया है कि इंसान कपड़े के तरह इंसान का शरीर और घर बदलता रहता है इस लिए की आत्मा आत्मा अमर है ना कि शरीर अमर है” अगर शरीर अमर होता इंसान की अंत यानी मृत्यु होती ही नहीं पिछले इंसान के शरीर का अंत होता है ना कि उसकी आत्मा का उसके बाद भी एक इंसान दूसरे इंसान से लड़ते रहते हैं, हर एक व्यक्ति को यह पता है कि जन्म लेने वाला के अंतमें शरीर का अंत होना तय हैं! धरती पर जन्म लेने वाले मनुष्य जिस इंसान भी कहा जाता है|

इंसान में शैतान भी होते हैं, इंसान जैसा,स्वार्थी,लालची,मतलबी,जैसा दुनिया में और कोई भीजानवर और जीव जंतु नहीं होते हैं जितना स्वार्थी,,मतलबी इंसान होते हैं, एक इंसान दूसरे इंसान से इसलिए लड़ता है,कही धन का लालच, कहीं बल का लालच कहीं जाती का नशा इसी प्रकार से एक इंसान दूसरे इंसान से नफरत,और आपस में लड़ाई लड़ते हैं” इसके पीछे सिर्फ लालच धन दौलत, कुर्सी का लालच,सट्टा का लालच,भाई भाई का नहीं मां बेटे का नहीं पति-पत्नी का नहीं सिर्फ मनुष्य एक शैतान की तरह मोह माया में भंग हो चुके हैं!हर एक man,मनुष्य को यह पता है कि इस धरती पर जन्म लेने वाला इंसान कभी अमर ना हुआ था ना हुआ है ना होगा उसके बाद एक इंसान दूसरे इंसान को अपना शत्रु मानते हैं, छोटे बड़े जाति धर्म के नाम पर नफरत करते हैं, छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा करते हैं” अगर इंसान दुनिया में अच्छे इंसान होते प्रशासन शासन न्यायपालिका की आवश्यकता नहीं होती जैसे इसी धरती पर जीव जंतु जानवरों के लिए किसी प्रकार का शासन, प्रशासन, न्यायपालिका,नहीं होता मगर ओ जानवर होकर आपस में नहीं लड़ते हैं!

मनुष्य को किससे लड़ाई लड़नी चाहिए!

man of the world-मनुष्य को किससे लड़ाई लड़नी चाहिए,अगर धरती पर देखा जाए एक मनुष्य दूसरे मनुष्य को आज के युग में छोटा बड़ा जाति धर्म, अमीर गरीब के नाम पर, नेता नीति के नाम पर आपस में झगड़ा करना लड़ाई लड़ना एक इंसान के दूसरे इंसान से नफरत करना कलयुग की धरती पर जैसे-जैसे कलयुग बढ़ रहा है वैसे उसे इंसान में नफरत बढ़ रही है” अच्छाई और बुराई इंसान के अंदर है मगर लोग दोस देते हैं की कलयुग चल रहा है”धरती पर कलयुग एक सृष्टि का नाम है” जिसे सनातन धर्म में का स्वरूप दिया गया है” स्वास्तिक एक चिन्ह है उसमे चार दिशा है,जैसे पूरब,पश्चिम,उत्तर और दक्षिण,इस प्रकार से दुनिया में सनातन धर्म के हिसाब से चार युग है” जैसे-सतयुग,त्रेतायुग,द्वापरयुग,कलयुग, सनातन धर्म के हिसाब से आज की धरती 2024 का कलयुग चल रहा है! कलयुग में विज्ञान का दुनिया, शिक्षा की दुनिया बड़े-बड़े शिक्षित लोगों की दुनिया, धरती पर विकास करने की दुनिया कहा जाता है, एक मनुष्य दूसरे मनुष्य को रहने के लिए ऊंची ऊंची बिल्डिंग बनाते हैं, धरती के नीचे यानी जमीन के नीचे से, सड़क और रेलवे की सुविधाएं देते हैं, विज्ञान की कलयुग का देन है! एक इंसान दूसरे इंसान से लड़ाई लड़ने के लिए,आज की दुनिया में जिस प्रकार से भारत हों या दुनिया का कोई देश ही क्यों ना हो, इंसान जनसंख्या जानवर से अधिक जनसंख्या बढ़ती जा रही है! जितना इंसान की जनसंख्या बढ़ रही है उतना मानवता खत्म हो रही है! एक मनुष्य दूसरे मनुष्य लड़ने में पीछे नहीं है, कहीं जाति के नाम पर कहीं धर्म के नाम पर कहीं एक देश दूसरे देश के नाम पर एक इंसान दूसरे कों धोखा, चालबाजी,मृत्युदंड, देने में पीछे नहीं हट रहा है!

man of the world-मनुष्य और जानवर में क्या अंतर है!

man of the world- दुनिया के मनुष्य को किससे किसी से कैसी लड़ाई लेनी चाहिए जैसे अगर देखा जाए, दुनिया शिक्षा और विज्ञान पर चल रही है,हर एक मनुष्य समझदार और विद्वानों ज्ञानी होते हैं उसके बाद भी एक मनुष्य दूसरे मनुष्य के शत्रु बने हुए हैं”मनुष्य और जानवर की अगर तुलना किया जाए जानवरों में अधिक से अधिक एकता मानवता है” जो वह भी जन्म लेते हैं उनका भी अंत होता है कभी मनुष्य की तरह लड़ाई लड़ना” शासन प्रशासन के पास जाना एक दूसरों को शत्रु समझना यह जानवरों में नहीं देखा गया है’ मनुष्य में दो रूप एक महिला और एक पुरुष,होते हैं अगर देखा जाय जानवरों में 84000 जीव जंतु और जानवर होते हैं,कुछ जलों धारा में रहकर जीवन जी लेते हैं, कुछ धरती पर जी लेते हैं कुछ जंगलों में अपने जीवन जी रहे हैं! मगर मनुष्य की तरह स्वार्थी,लालची,और धोखेबाज नही होते हैं’जिस दिन धरती के मनुष्य में मानवता और एक इंसान और में इंसानियत की जागरूकता होगी उस दिन एक इंसान दूसरे इंसान के मानवता जग उठेगी! मगर एक मनुष्य दूसरे मनुष्य में एक कभी नहीं हो सकता कि एक दूसरे से लड़ाई लड़ने की प्रथा बंद करें! यह तो सतयुग त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलयुग में भी एक इंसान दूसरे इंसान से अपने स्वार्थ अपने मतलब से लड़ाई लड़ते चले आए हैं!

मनुष्य को किससे और कैसी लड़ाई लड़नी चाहिए!

man of the world- दुनिया के मनुष्य को किससे कैसी लड़ाई लगनी चाहिए जब मनुष्य का जन्म धरती पर होता है, हर एक मौसम में जीवन जीने के लिए हर एक कला का या बिना कला का अपने जीवन जी लेता है, कलयुग के विज्ञान की दुनिया में एक इंसान दूसरे इंसान से लड़ाई ना लड़कर, गरीबी भुखमरी और विकास की तरफ एक इंसान दूसरे इंसान के साथ सहयोग,मदद के साथ धरती पर मनुष्य के रहने के लिए विकास कर सकते हैं! अगर लड़ाई लड़नी है तों गरीबी से लड़ो बीमारी से लड़ो,ऊंचे से ऊंचे विकास करने के लिए लड़ाई लड़ो’ यह मनुष्य का कर्तव्य है जिस धरती पर जन्म लेने वाले हर एक मनुष्य का दायित्व होता है कि आपस में ना लड़कर मानवता को उच्च शिक्षा नेक विचार बनाने की आवश्यकता है ! आज के मनुष्य को शाकाहारी जीवन होना चाहिए, जीव जंतु जानवरों पर दया करना चाहिए, एक मनुष्य दूसरे मनुष्य लड़ाई नहीं करनी चाहिए,अगर लड़ाई लड़नी हो तो बीमारी से गरीबी से विकास से मेहनत तो कर्म की लड़ाई लड़े जिस इंसान और देश दुनिया का विकास हो सके!

Leave a Comment