JAY JOHAR-जय जोहार”आदिवासी समाज क्यों कहतें है!
जय जोहार,जय आदिवासी!
BHARAT-भारतीय सनातन Aadivasi Samaj आदिवासी समाज के बारे में अधिक जानकारी यह की पूरे भारत में या पूरे दुनिया में सभी देशों में आदिवासी समाज रहा करते हैं,आदिवासी समाज का अर्थ होता है कि मनुष्य के जन्म दाता आज से कई हजार साल पहले से सभी व्यक्ति Aadivasi,आदिवासी जैसे इंसान रहा करते थे क्योंकि पहले धरती पर जंगल हुआ करता था जंगल से धीरे-धीरे गांव का विकास हुआ गांव से धीरे-धीरे शहर का विकास हुआ जैसे-जैसे विकास होते चला गया वैसे वैसे कर्म के आधार पर जातियां बनती चली गई है आज भी गीता में लिखा है कि कर्म ही जाती है भगवान बुद्ध ने भी यह कहा है कि मनुष्य में दो जातियां हैं एक नर और एक मादा है,मगर अपनी अपनी भ्रम है मनुष्य में छोटी जाति और बड़ी जातियां बनाकर लोग जीवन जी रहे हैं!
धरती पर सबसे पहले आयुर्वेदिक आचार्य कौन थे !
World-दुनिया के धरती पर आयुर्वेदिक चिकित्सा वैध कौन लोग हुआ करते थे, कई हजार साल पिछला इतिहास देखा जाए वन और जंगलों में रहने वाले वनवासी,Aadivasi आदिवासी कहा गया है दुनिया का सबसे बड़े आयुर्वैदिक वैध हुआ करते थे इसलिए कि जो भी जड़ी बूटियां होती थी यह आदिवासी समाज के लोगों को पता होता था कि शरीर की कौन सी बीमारी में कौन सा जड़ी बूटी मनुष्य के शरीर की बीमारी को स्वस्थ कर सकता है यानी ठीक कर सकता है, दुनिया में धीरे-धीरे,आदिवासियों के द्वारा चाहे विज्ञान की दुनिया हो चाहे चिकित्सा की दुनिया हो Aadivasi आदिवासी और Banvasi बनवासी दुनिया का सबसे बड़े वैध हुआ करते थे! क्योंकि जंगल में रहने वाले जो भी इंसान हुआ करते थे,तरह-तरह के पेड़ पौधे की जड़ी बूटीयों की पहचान पीढ़ी दर पीढ़ी हुआ करती थी और इन Aadivasi आदिवासी और बनवासियों के द्वारा अन्य लोगों को बीमारी में दवाई बनकर दिया करते थे जिससे लोग शरीर से स्वास्थ हो सके आज भी दुनिया में जड़ी बूटी का इस्तेमाल किया जाता है जिससे जड़ी बूटियां के द्वारा ही दवाई बनाई जाती है धरती पर चाहे अनाज की बात हो चाहे जड़ी बूटियां की बात हो चाहे किसी प्रकार की पेड़ पौधों की बात हो चाहे फलों की पेड़ों की बात हो किसी की दुनिया में सनातन से लेकर अब तक मनुष्य के शरीर के उपयोग के लिए धरती पर बहुत कुछ उपलब्ध है,मगर पहचान करने वालों की कमी है जिस प्रकार से धरती का मनुष्य द्वारा विकास किया जा रहा है जिसे विज्ञान कहते हैं विज्ञान दुनिया में सफल है मगर अमर नहीं है !
संसार में सबसे पहला इंजीनियर,वैज्ञानिक कौन हैं!
World-Bharat,दुनिया के धरती पर अगर देखा जाए सबसे पहले इंजीनियर बनवासी और आदिवासी समाज के लोग हुआ करते थे अगर देखा जाए Banvasi बनवासी और (Aadivasi)आदिवासी भारतीय मूल निवासियों को ही कहा गया है.धरती पर अचानक से तो विकास नहीं हुआ है धीरे-धीरे विकास हुआ है जैसे देखा जाए, पहले आज नहीं हुआ करता था लोग बस के लड़कियों को घिस घिसकर आज जलाया करते थे, यह आदिवासी द्वारा दी गई एक कला है,आदिवासियों द्वारा दी गई तरह-तरह के चिकित्सा के लिए आयुर्वेद की दवाइयां हैं, Aadivasi,आदिवासियों द्वारा बनाए गए तरह-तरह के लकड़ी के बर्तन की बात को आदिवासियों के द्वारा ही बनाया गया था बस की लकड़ीयों के द्वारा अन्य पेड़ पौधों के लकड़ियों के द्वारा बनाए जाते थे और आज भी बनाया जाता है,2500 sal pahle,ढाई हजार साल पहले दुनिया में भगवान की प्रथम मूर्ति भगवान बुद्ध की बनाई गई थी जिससे यह अद्भुत कलाकारी आदिवासीयों के अद्भुत पत्थर से बनाने वाले कलाकारों की है, पुराने जमाने में जो घर बनाया जाया करते थे, यह मूल निवासी banvasi, बनवासी,Aadivasiआदिवासी द्वारा ही बनाया जाता था! आज से कुछ वर्ष पहले की बात की जाए ना बिजली हुआ करती थी मैं रेलवे हुआ करता था,ना एयरप्लेन हुआ करता था हजारों साल पहले की बात है!
JAY JOHAR-जय जोहार”आदिवासी समाज,आदिवासियों द्वारा बनाए गए घोड़ा गाड़ी बैलगाड़ी, यह अद्भुत कलाकारी इंजीनियरिंग अगर कहा जाए तो वनवासी और आदिवासियों के द्वारा ही दी गई कला है! भारत के मूल निवासियों के की बात किया जाए पहले सभी व्यक्ति आदिवासियों के द्वारा ही जंगल में रहा करते थे धीरे-धीरे गांव का विकास हुआ, धीरे-धीरे शहर का विकास हुआ जैसे-जैसे विकास होते गया वैसे-वैसे कर्म बनते गए जातियां बांटी गई है! भगवान कृष्ण की गीता में भी लिखा हुआ है कर्म ही जातियां, अगर आज के डॉक्टर है तो ही डॉक्टर कहा जाता है अगर आज के इंजीनियरों ने इंजीनियर कहा जाता है आज के व्यापारी हैं उन्हें व्यापारी कहा जाता है,इसी बन गई और बट गए, रही बात भारत के मूल निवासियों की बात है, आज भारत में चार वर्णन में लोग बैठे हुए हैं, कोई ऊंची जात स्वर्ण कहता है,कोई ओबीसी समाज मूलनिवासी करता है, कोई एससी एसटी मूलनिवासी कहता है, आज अपने आप में एक दूसरे से लोग बटे हुए हैं! भारत तो दुनिया के धरती पर Sanatan Dharm सनातन धर्म,हुआ करता था जो एक धर्म था जिसे सनातन धर्म कहा जाता है!
दुनिया के प्रथम इंजीनियर वैज्ञानिक कौन है!
भारतीय मूल निवासियों द्वारा आज भी क्यों कहा जाता है, South Africa साउथ अफ्रीका में भी Aadivasi आदिवासियों को सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश माना जाता है उसके बाद भारत हो,चीन हो, इंडोनेशिया हो,जो भी कृषि देश रहा है वहां आदिवासी बनवासी मूलनिवासी अपने आप को कह गए हैं इसलिए की दुनिया के धरती पर जंगलों से ज्यादा रेगिस्तान जैसा भी क्षेत्रफल है, एशिया में सबसे अधिक आदिवासी मूलनिवासी हैं, South Africa,साउथ अफ्रीका में अधिक से अधिक आज भीAadivasi आदिवासी हैं, वैज्ञानिक कलाकार है इनके माध्यम से विज्ञान की दुनिया आगे बढ़ा है, जिस प्रकार से धनुष बाण आदिवासियों द्वारा चलाए जाते थे, आज उसी प्रकार आधार पर बंदूक बनाई गई है, जिस प्रकार से पवन हंस एक चिड़िया हुआ करती थी, आज उसी के नाम पर हेलीकॉप्टर एरोप्लेन बनाई गई है, जो भी आयुर्वेद से वैध द्वारा बनाए गए है, यह मूल निवासी आदिवासियों के द्वारा ही बनाए गए थे, घरों को नकाशी हो भगवान की मूर्ति की बात हो मंदिरों की बात हो, भारतीय मूल निवासियों के द्वारा पूरे दुनिया में प्रथम मंदिर बनाया गया था मंदिर या मूर्तियां बनाने वाले मूल निवासी है,JAY JOHAR-Aadivasi आदिवासी Banvasi,वनवासी थे आज भी दुनिया में हैं! रही बात अलग-अलग राज्यों की रही बात अलग-अलग देश की भाषाओं में लोग बटे हुए हैं, अगर जहां तक देखा जाए मनुष्य और मनुष्य का जीवन सभी का एक प्रकार है,
जय जोहार जय आदिवासी क्यों कहा जाता है!
World-संसार की धरती पर अगर कहां जाए तो Aadivasi,आदिवासियों, Banvasi,बनवासियों के द्वारा,सभी जगह पर उनकी ही सबसे अधिक योगदान रहा है,कृषि की बात हो आयुर्वेद की बात हो, घर बनाने की कलाओं की बात हो मंदिर बनाने के अनेक कलाओं की बात हो, लकड़ी के तरह-तरह के नकाशी करने वाले बर्तन,तथा इस्तेमाल करने वाले घरों के लिए समान,यह मूल निवासी आदिवासी और बनवासी के अद्भुत कला की देन है, जय आदिवासी Jay Johar,जय जोहार इसलिए कहा जाता है कि, Aadivasi आदिवासी का मतलब होता आदिशक्ति,दिव्य,शक्ति,शिव शक्ति,यानी संसार के सभी शक्तियां इनमें पाई जाती है! Jay Johar जय जोहार का पूरा अर्थ होता है सबका कल्याण हो संसार का कल्याण हो, कल्याण करने वाले प्राकृतिक की जय हो,(Jay Johar) जय जोहार यानी मनुष्य लेकर के जानवर पंछी वृक्ष धरती पर जो भी है, सबका मंगल सबका कल्याण हो,जय जोहार सनातन हैं Aadivasi Samaj आदिवासी समाज इसलिए जय जोहार कहां करते है, यह आदिवासी समाज के अलावा भारत में अलग-अलग नाम से कहा जाता है! Jay Johar Jay Adivasi,जय जोहार,जय जय आदिवासी का अर्थ संसार में शुभ,सुख,शांति और सभी के कल्याण हों!
भारत के मूलनिवासी कौन है!
JAY JOHAR-जय जोहार”जय आदिवासी जय मूलनिवासी कौन है! भारत एशिया वर्ष की बात किया जाए तो भारत के मूल निवासी यहां के ओबीसी समाज एससी-एसटी समाज कि लोग अपनी दावा करते हैं कि हम भारत के मूल निवासी हैं यानी कि भारत में इनके पूर्वज हुआ करते थे, जैसे बनवासी समाज आदिवासी समाज यह सब एक परिवार हुआ करता था, जैसे-जैसे मनुष्य का विकास होते गया वैसे-वैसे लोग जंगल से बाहर आने लगे गांव का विकास किया शहर का विकास किया रोड का विकास किया, सामाजिक शिक्षा और संस्कृति के हिसाब से भारत देश या दुनिया का देश आगे बढ़ने लगा अगर कहा जाए भारत के मूल निवासी यहां के ओबीसी समाज एससी-एसटी समाज के लोग मुख्य मूल निवासी हैं, इसी भारत देश में कहा जाता है भगवान श्री राम भगवान श्री कृष्ण भगवान महावीर भगवान श्री बुद्ध, भारत के चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, अन्य महाराजा इस देश के मूल निवासी हैं, कई हजार साल पहले की बात है, जब किसान हुआ करते थे विज्ञान नहीं था, अभिज्ञान है और किस भी है इंसान भी हैं अलग-अलग जातियों में लोग कम के आधार पर बैठे हुए हैं, और आज भारत के सभी राज्यों अलग-अलग भाषा के आधार पर अलग-अलग वाणी, सर लोग जाने जाते हैं मगर भारत वर्ष का एक ही परिवार एक ही माता-पिता से संसार का मनुष्य का जन्म हुआ है, इसी धरती पर पेड़ पौधे वृक्ष, तरह-तरह के जानवर तरह-तरह के चिड़िया पंछी, सभी का अलग-अलग रूप में जन्म हुआ है! जहां तक भारत की बात की जाए भारत के मूल निवासी यहां के सनातनी है सनातन धर्म के हैं, रही बात अमीर और गरीब के कारण लोग यहां पर बैठे हुए हैं, आज के भारत में आज की दुनिया में विकास शिक्षा और विज्ञान के आधार पर लोग अपने जीवन जी रहे हैं, आदिवासी समाज के सनातन से जय जोहार का अर्थ होता है सबका कल्याण हो सबका मंगल हो देश दुनिया का कल्याण हो जीव जंतु पंछी मनुष्य का कल्याण हो, जय जोहार जय आदिवासी समाज जय मूलनिवासी समाज, यहां के सनातनियों का नारा है,