Maurya Empire-संपूर्ण भारत वर्ष का सबसे शक्तिशाली राजा कौन थे!

Maurya Empire- संपूर्ण भारत वर्ष का सबसे शक्तिशाली राजा कौन थे!

Bharat- जब भारत की बात होती है दुनिया में Maurya Samrajya -मौर्य साम्राज्य की बात आती है मौर्य साम्राज्य के उदय कहां से हुआ था प्राचीन इतिहास में आज भी मौर्य साम्राज्य (Maurya Empire) जाना जाता है!

Bharat Empire- भारत का नाम भारत कैसे पड़ा!

Bharat-भारत देश नाम कैसे भारत पड़ा प्राचीन काल की बात है लगभग लाखों साल पहले की बात हैं जब मनुष्य का जीवन एक जंगली जीवन वन में लोंग रहा करते थे,तब की बात हैं! प्राचीन पिछले समय में भारत देश को एक जम्बूद्वीप कहा जाता था यानि एशिया दीप तब भारत था उस समय राजा दुष्यंत महाराज हुआ करते थे इनकी महारानी माता शकुंतला देवी थी!माँ शकुंतला के पुत्र के जन्म के बाद राजकुमार भरत का नाम करण हुआ था उसके बाद माता शकुंतला के पुत्र राजकुमार भरत के नाम से भारत का नाम भारत पड़ा राजकुमार भरत महाराज के पिता दुष्यंत महाराजा थे! भरत महाराज भारत चक्रवर्ती सम्राट भरत के नाम पर जाननें लगे यह प्राचीन समय की बात है! और इस देश के प्रथम चक्रवर्ती सम्राटों में भरत महराज थे!

भारत कितना सबसे बड़ा देश हुआ करता था!

Bharat Samrajya- भारत साम्राज्य भरत चक्रवर्ती राजा भरत हुआ करते थे! यह लगभग लाखों साल पहले की बात हैं! भारत देश में भरत वंश का राजपथ चला रहा यह हजारों लाखों सालों तक जैसे-जैसे भारत में लोगों की जनसंख्या बढ़ती गई इस प्रकार से जाती और कर्म के आधार पर लोग बटते चले गए और जातीय बनती चली गई आई हैं! इसी भारत देश को इसी भारत देश के लोगों ने इसी अखंड भारत एशिया को भारत देश के स्वार्थी मतलबी लोगों ने इसी भारत को कई खंड-खंड में बांट दिए थे! इसी भारत देश में श्री रामचंद्र जी का जन्म हुआ है! इसी भारत में श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ है! इसी भारत भगवान पारसनाथ का जन्म हुआ है! इसी भारत भगवान बुद्ध का जन्म हुआ है! इसी भारत में गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ है! इसी भारत में गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का जन्म हुआ है! इसी भारत में बड़े-बड़े संत ऋषि मुनियों का जन्म हुआ है! मगर संपूर्ण भारतवर्ष एक एशिया का सबसे बड़ा देश हुआ करता था! यह भारत देश हमेशा बटता चला जाता था इसलिए कि लोग आपस में लड़कर जाति के नाम पर राजा बने, धर्म के नाम पर एक दूसरे को मार काट करना राजा बने यह भारत की प्राचीन इतिहास रही है! भारत देश में लाखों सालों से लेकर के हजारों सालों तक इंसान इंसान के नाम पर जाति जाति के नाम पर, उसके बाद अनेक धर्म आ गए धर्म धर्म के नाम पर एक इंसान दूसरे इंसान को शत्रु समझ कर इसी भारत को खंड-खंड करके राजा बना करते थे !

राजा भरत के बाद भारत का चक्रवर्ती राजा कौन थे!

Bharat-Maurya Empire-भारत का मौर्य साम्राज्य दुनिया का सबसे ताकतवर साम्राज्य शासन हुआ करता था! यह द्वापरयुग की बात हैं द्वापरयुग के 2400 साल पहले की बात हैं! इसी भारत देश को भारत के लोगों ने खंड-खंड भारत को पांच गांव 10 गांव 15 गांव के राजा हुआ करते थे! कोई कोई 25 गांव का राजा हुआ करता था! और इस भारत का कोई राजा नहीं सिर्फ अपने छोटे-छोटे राजशाही अपने स्वार्थ अपने मतलब अपने शौक श्रृंगार के लिए लोग राजा बना करते थे! द्वापरयुग की बात है! 2400 वर्ष पहले उत्तर भारत मौर्य पिपली वन के राजा चंद्रवर्धन मौर्य के घर एक ऐसे महान राजकुमार का जन्म हुआ चन्द्रगुप्त मौर्य जन्म ३४५ ई॰पु॰ ३२१-२९७ई॰पु॰)जिसका नाम है चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के पिता का नाम था राजा चंद्रवर्धन मौर्य इनकी मां का नाम था माता मुरा देवी मौर्य, 2400 वर्ष पहले छोटे-छोटे राजा हुआ करते थे! हुआ करते थे उसी छोटे से देश के राजा चंद्रवर्धन मौर्य भी थे! राजा चंद्रवर्धन के पिता के पिता राजा सूर्यवर्धन मौर्य कोई सपना हुआ करता था एक भारत देश का निर्माण हो एक भारत श्रेष्ठ भारत नेक भारत जिससे भारत की एकता अखंडता बनी रहे विदेशी आक्रमणोंकरियों भारत देश के लोगों को बचाया जा सके! मगर खंड- खंड भारत में कोई भी राजा रुचि नहीं ले रहे थे! जब राजकुमार चंद्रगुप्त मौर्य का उम्र 8 वर्ष हुआ यह एक तेजस्वी राजकुमार राजा के रूप में दिख रहे थे बड़े-बड़े साधु संत ऋषि मुनियों का कहना था हो सकता है यह बालक आने वाले समय में संपूर्ण भारतवर्ष का स्थापना करें! मगर मौर्य पीपली वन राजा चंद्रवर्धन मौर्य आसपास के लोगों को जैसे बिहार नेपाल अन्य राज्यों के छोटे-छोटे राजाओं को एक होना और भारत का स्थापना करने की बात किया करते थे! मगर कोई भी राजा रुचि नहीं ले रहे थे! इसलिए कि छोटे-छोटे राजा अपने राज्य अपने देश में मांस मदिरा रासलीला में मस्त थे!

मिथिला प्रांत जो आज बिहार के नाम पर जाना जाता है वहां के एक मगध का राजा धनानंद हुआ करता था! धनानंद बहुत शक्तिशाली और ताकतवर था महाराजा चन्द्रवर्धन मौर्य उससे भी संदेश भेजे थे मगर उसके मन में पाप अखंड था इसलिए वह एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण में उसका कोई रुचि नहीं थी! एक दिन मौर्य पिपली वन उर्फ़ (गोरखपुर ) के राजा के राज्य में मगध का कुरुर धनानंद हमला बोलकर (MAURYA PIPALI VAN ) मौर्य पीपली वन को तहस नष्ट कर दिया वहां पर सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के पितामह और अन्य भाई लोग मारे गए थे! इस युद्ध में चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के बड़े भाई विष्णुगुप्त मौर्य इनकी माँ मुरा देवी किसी कारण सुरक्षित बच गए थे!

2400 वर्ष पहले भारत का स्थापना किसने की थी!

Akhand Bharat- संपूर्ण भारत वर्ष की जब बात होती है, अखंड भारत की तब नाम चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य आती हैं, यह भारत की प्राचीन प्रथम इतिहास रही है चक्रवर्ती सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के पिता के राजपाठ उजड़ जाने के बाद राजकुमार चंद्रगुप्त मौर्य अपने बड़े भाई विष्णुगुप्त मौर्य के साथ तक्षशिला में शिक्षा प्राप्त करने हेतु चले गए जिससे शास्त्र और शास्त्र का ज्ञान प्राप्त करें और अपने पिता का बदला ले सके और अखंड भारत का स्थापना कर सके यह राजकुमार चंद्रगुप्त मौर्य का संकल्प था उस समय उनकी उम्र लगभग 11 वर्ष थी इनकी माता गांव के लोगों में रहकर अपना जीवन व्यतीत करती थी और जब धनानंद के पता चलता है कि उनकी माता और सम्राट चन्द्रगुप्त की मौर्य जीवित है! मगध का राजा धनानंद ने उनकी मां को बंदी बनाकर इनकी मां को मृत्युदंड दे दिया था! उसके बाद सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य नें अपने बड़े भाई विष्णु गुप्त मौर्य के साथ पहले तक्षशिला के एक राजा से सर्त थी जो राजकुमार चंद्रगुप्त मौर्य से युद्ध कर लेगा राजा कहलाएगा नहीं तो प्रजा के लायक भी नहीं है!

तक्षशिला के राजा को गुस्सा आया बोला एक बालक 17 वर्षीय का चैलेंज मुझे चैलेंज दिया तक्षशिला के राजा और सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य में एक युद्ध हुआ जिसमें तक्षशिला का राजा पराजित हुए और सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य विजई हुए! उसके बाद तक्षशिला के राजा बनने के बाद में सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने मगध पर चढ़ाई की और 1 से 2 बार पराजित होने के बाद तीसरी बार धनानंद को मृत्युदंड देकर मगध के राजा बने! और उसे समय सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का उम्र 18 थी उसके बाद सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का ईसा पूर्व ३२१,राजतिलक हुआ और इन्होंने अखंड भारत का निर्माण करने के लिए अनेक अनेक राजाओं को संदेश भेजो एक हो जाओ नहीं परिणाम भयानक होगा मगर राजाओं को अहंकार भ्रम था एक कल का बालक मुझे चैलेंज दे रहा है अखंड भारत का निर्माण करने का सपना देख रहा है! मगर भारत के छोटे-छोटे राजाओं ने सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य युद्ध लड़ना शुरू कर दिया और सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य नें सभी को पराजित कर भारत के छोटे-छोटे गांव के राजाओं को एक-एक कर के जोड़ जोड़ कर राज्य का स्थापना की राज्य में (governor) राजपाल और (mukhymantri) यानि (प्रांतपाल) और जिलाधिकारी का नियुक्ति कियागया ग्राम पंचायत का निर्माण किया! धीरे-धीरे इन्होंने अनेक अनेक राज्यों को जोड़ते जोड़ते कई राज्य को भारत में समर्पित कर लिए थे! उसके बाद उनकी उम्र 21 वर्ष में राजकुमारी दुर्दरा देवी इनकी विवाह होती है जिसके एक पुत्र का जन्म होता जिसका नाम बिंदुसार था! चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य अखंड भारतवर्ष के निर्माण लगभग 8 वर्षों में पूर्ण किए थे! उसके बाद इन्हें महान चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का उपाधि मिली है! शासन ३२१-२९७ से तक ईसा पूर्व 25 वर्ष तक

भारत चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य की जीवनी!

भारत मौर्य साम्राज्य-शासन चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य जीवन में बहुत से उतर और चढ़ाव आए, जिन्होंने अपने दादा दादी व पिता और माता को बचपन में खो चुके थे! मगर भारत की धरती के मां धरती के सपूत चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने भारत की स्थापना 8 वर्षों में पूर्ण किए थे! उनकी धर्मपत्नी का नाम दुर्धरा देवी था, इनके एक पुत्र बिंदुसार का जन्म होने से पहले माता दुर्धरा को उनकी दूसरी धर्मपत्नी हेलना ने जहर दे दी थी जिसे माता दुर्धरा का मृत्यु हो सके और गर्भ पल रहे बिंदुसार की भी मृत्यु हो सके! मगध इनके बड़े भाई विष्णुगुप्त मौर्य और आचार्य संत ऋषि मुनि द्वारा माता दुधारा की तबीयत को देखते हुए उनके पेट को फाड़ कर बिंदुसार को जीवित निकाल लिए, जिसकी पालन और पोषण,कलिंग यानी उड़ीसा की राजकुमारी नंदिनी के द्वारा किया गया था! सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के विवाह के बाद दुनिया को जीतने वाला सिकंदर सीरिया,ईरान इराक यूनान का राजा भारत को गुलाम बनाने के लिए अपने सेना के साथ लेकर चढ़ाई कर लि थी मगर, चक्रवती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य अफगानिस्तान में ही उसे पराजित कर बंदी बना लिए और उसे मगध लेकर आए! जहां पर चतुर्थी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य की प्रथम रानी दुर्धरा देवी हुआ करते थी! और दूसरी रानी के रूप में सिकंदर की बेटी हेलना से सिकंदर अपनी बेटी को विवाह करवा दिया था! खेलने से एक पुत्र का जन्म जिसका नाम जस्टिन था! और सिकंदर ने अपने देश को भी चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के अधीन दे दिया था!

भारत के चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने अखंड भारत वर्ष में 25 वर्ष तक उन्होंने राज किया देश की एकता खंडिता को मजबूत और जनता के प्रति मानवता के एक विचार का सन्देश दिए! महाराजा सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य नें अपनी 42 वर्ष की उम्र में ही भगवान महावीर की अनुयाई बने जिससे इन्हें जन्म मिल सके मगध से कर्नाटक इस श्रवण बेल के पर्वत पर अपनी प्राण को त्याग दिए थे! शासन ३२१ से २९७ से तक ईसा पूर्व 25 वर्ष तक शासन किए थे उसके बाद भगवान महावीर ग्रंथ के अनुसार चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म राजा अशोक के रूप में पुनर्जन्म का उल्लेख बताया जाता है! सम्राट अशोक के दादा सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, इसके बाद उत्तराधिकारी इनके पुत्र चक्रवर्ती सम्राट बिंदुसार मौर्य नें भारत देश के अच्छे शासको में शासक बने! बिंदुसार शासन के बाद में भारत पूर्व से लेकर उत्तर पश्चिम से लेकर दक्षिण तक एशिया तक फैला हुआ था!

चक्रवर्ती सम्राट बिंदुसार मौर्य की जीवनी!

Maurya Empire-भारत के चक्रवर्ती सम्राट बिंदुसार की कृपा होती है तो धरती से लेकर आसमान तक समुद्र तक चक्रवर्ती सम्राट बिंदुसार का नाम विख्यात हैं! चक्रवर्ती सम्राट बिंदुसार मौर्य के101पुत्र और 7 पुत्रियां थी और इन्हीं के पुत्र राजा अशोक एशिया के महान शासक के रूप में महानों के महान सम्राटो के सम्राट प्रियदर्शी राजा अशोक के नाम पर जाने जाते हैं!

भारत मौर्य वंश के राजाओं की लिस्ट की नाम

भारत मौर्य साम्राज्य राजवंश मौर्य द्वापरयुग से (322- कलयुग 84 -ईसा पूर्व तक,

महाराजा चंद्रवर्धन मौर्य के विरासत के नाम है!

•सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य 322 ईसा पूर्व -298 ईसा पूर्व 25 वर्ष

•सम्राट बिन्दुसार मौर्य 297 ईसा -273 इसा पूर्व 25 वर्ष

•सम्राट अशोक मौर्य 273 ईसा पूर्व 232 ईसा पूर्व 41 वर्ष

•सम्राट कुणाल मौर्य 232 ईसा पूर्व 243 ईसा पूर्व 11 वर्ष

•सम्राट दशरथ मौर्य 243 ईसा पूर्व-198 ईसा पूर्व 45 वर्ष

•सम्राट सम्प्रति मौर्य 198 ईसा पूर्व-173 ईसा पूर्व 25 वर्ष

•सम्राट शालिसुक मौर्य 173 ईसा पूर्व-147 ईसा पूर्व 24 वर्ष

•सम्राट देववर्मन मौर्य 147 ईसा पूर्व -119 ईसा पूर्व 30 वर्ष

•सम्राट शतधन्वन् मौर्य119 ईसा पूर्व-88 ईसा पूर्व 31वर्ष

•सम्राट बृहद्रथ मौर्य 88 ईसा पूर्व -84 -ईसा पूर्व 4 वर्ष

Maurya Empire-संपूर्ण भारत वर्ष का 261 वर्ष मौर्य साम्राज्य शासन था!
Maurya Samrajya-मौर्य साम्राज्य के बाद भारत का क्या हुआ हैं!

मौर्य साम्राज्य के बाद भारत को खंड-खंड में बांट दिया गया और छोटे-छोटे राजा बनकर, भारत में शासन करने लगे, मौर्य साम्राज्य के 500 साल बाद भारत में रेगिस्तान मुगलों द्वारा भारत का कब्जा करके भारत गुलाम बना दिया था लगभग भारत में 700 साल तक मुस्लिम मुगलों ने शासन किया और उसके बाद मुगलों को विद्रोह में ईस्ट इंडिया कंपनी ब्रिटिश साम्राज्य 1800 ईस्वी में भारत में कदम रखा और भारत के लोगों को आजादी और शिक्षा के संबंधित विकास हेतु कार्य किया भारत में लगभग ढाई सौ वर्ष ईस्ट इंडिया कंपनी का सरकार, जिसमें भारत में एयरप्लेन रेलवे सड़क स्कूल डिग्री कॉलेज हॉस्पिटल, ईस्ट इंडिया कंपनी के ब्रिटिश शासको ने दिया है! इसी प्रकार से भारत कई टुकड़े-टुकड़े बढ़ते चले गए! जब तक भारत में मौर्य साम्राज्य का शासन था तब तक भारतवर्ष कहा जाता था! भारत का क्षेत्रफल एक करोड़ के लगभग क्षेत्रफल हुआ करता था और भारत के रिश्ते आने का देशों से व्यापार बिजनेस और मजबूत रिश्ते को करते थे! भारत को 1947 में ब्रिटिश शासन स्टूडियो कंपनी से मुक्ति मिली अब भारत में आजाद भारत स्वतंत्र भारत का सरकार चल रहा है!

यह प्राचीन इतिहास में आज भी मौर्य साम्राज्य सत्य कहानी लिखी गई हैं

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