DIWALI-दिवाली क्यों मनाई जाती है!
Diwali kyon manae jaati hai!
Diwali-दिवाली क्यों मनाई जाती है,Diwali kyon manae jaati hai,भारत में प्राचीन काल से दिवाली मनाई जाती है इसके पीछे भगवान विष्णु पत्नी माता लक्ष्मी देवी से जुड़ा हुआ पर्व हैं,बताया जाता है कि राजा बलि में देवी लक्ष्मी को प्रकट कर लिया था भगवान विष्णु ने लक्ष्मी देवी को बचाया था दिवाली मनाने के लिए और भी कारण है जैसे,
दीवाली त्यौहार किस खुशी मनाई जाती है!
प्राचीन काल की बात है भारत में दिवाली क्यों मनाई जाती है,Diwali kyon manae jaati hai-देश उत्तर प्रदेश जिला अयोध्या के राजा दशरथ पुत्र के पुत्र श्री रामचंद्र जी ने अयोध्या से राजपाट छोड़कर 14 वर्ष के लिए वनवास चले गए थे भगवान श्री रामचंद्र नें वन वन जा रहे थे उसी समय मिथला नरेश के की पुत्री सीता का स्वयंवर रखा गया था उस स्वयंवर में अनेक-अनेक क्षेत्रीय राजा उस स्वम्बर में पधारे हुए थे और उसे नंबर में एक शर्त रखी गई थी जो इस धनुष को तोड़ देगा उसी से सीता का विवाह होगा अनेक अनेक क्षेत्र के राजाओं ने उस धनुष के तोड़ने में असमर्थ रहे और अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र राम जी नें इस धनुष को उठाकर दो टुकड़े कर दिए और सीता जी ने गले में जयमाल डालकर राम जी और सीता जी का विवाह हुआ था !यह प्राचीन समय की बात है जब भारतवर्ष में जंगल हुआ करता था तब मनुष्य की जनसंख्या बहुत कम हुआ करता थे उस समय श्री रामचंद्र जी और सीता जी का विवाह हुआ था श्री रामचंद्र जी और उनके छोटे भाई श्री लक्ष्मण जी अयोध्या के राजा के पुत्र थे इन्होंने अपने भाइयों के लिए अयोध्या का सिंहासन छोड़कर श्री राम जी और लक्ष्मण जी 14 वर्ष के लिए बनवास चले गए थे उस वनवास के समय में मिथिला नरेश की पुत्री माता सीता का राम जी शुभ विवाह भी हुआ! और लक्ष्मण जी दोनों भाई के साथ-साथ माते सीता भी 14 वर्ष वनवास को लेकर अनेक अनेक नगर में भ्रमण कर रहे थे! रामायण के अनुसार समुद्र से सटे हुए श्रीलंका के राजा रावण नें माता सीता का अपहरण कर लिया था
क्या सीता जी के अयोध्या आने के खुशी मे दिवाली जाती है !
Diwali-दिवाली-दिवाली क्यों मनाई जाती है,Diwali kyon manae jaati hai-अयोध्या नगरी के राजा श्री दशरथ महाराज के पुत्र श्री रामचंद्र जी की धर्मपत्नी माता सीता श्री राम जी के छोटे भाई लक्ष्मण जी यह तीनों जन 14 वर्ष बनवास के लिए वन-वन भ्रमण कर रहे थे और श्रीलंका का राजा रावण नें वन में आकर माता सीता जी का अपहरण कर लिया था यह अपराह्न इसलिए किया गया था मिथिला नरेश राजा के स्वयंवर में रावण भी आया था जो धनुष नहीं उठा पाया और वह शक्तिशाली धनुष श्री रामचंद्र ने उठकर धनुष तोड़कर माता सीता से विवाह कर लिए बताया जाता है रामायण के अनुसार सीता माता को रावण पवन हंस लेकर श्रीलंका की तरफ चला गया और वहां पर अशोक वाटिका में सीता जी को बंदी बनाकर चारों तरफ महिला सेना से घेराबंदी कर दिया श्री रामचंद्र जी श्री लक्ष्मण जी जो वाटिका में आते हैं तो सीता जी नहीं थे और सीता जी की आवाज गरुड़ नमक पंछी ने सुना था और उसने बताया कि दक्षिण और कोई पवन से सीता जी को ले गया हैं! श्री रामचंद्र जी श्री लक्ष्मण जी वन-बन भटकने लगे और वहां पर श्री हनुमान जी से मुलाकात हुई, जामवंत और बंदरी सी को लेकर श्रीलंका की तरफ चल पड़े और वहां पर रावण को संदेश दिए की सीता जी को हमारे पास सुरक्षित भेजो मगर अहंकारी रावण ने कहां सीता को हम नहीं देंगे, राम और रावण की युद्ध में रावण मारा गया और सीता जी को प्रभु श्री रामचंद्र जी ने अयोध्या की तरफ लेकर चल पड़े जैसे अयोध्या नगरी के लोगों को जानकारी हुआ रामजी और लक्ष्मण जी माता सीता को लेकर अयोध्या की तरफ आ रहे हैं, अयोध्या में सीता जी के और राम कहानी की खुशी में राजा दशरथ के महल में अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर दिवाली मनाई थी!
दिवाली अशोक विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है!
Diwali-दिवाली क्यों मनाई जाती है! Diwali kyon manae jaati hai- शुभ पर्व-भारत के चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान के बारे में बताया जाता है 2300 वर्ष पहले कि बात हैं,जब भारत से कालिंग राज्य भारत देश से अलग होकर कलिंग कों देश बनाया था उसके विरुद्ध चक्रवर्ती सम्राट अशोक के बड़े भाई राजा सुशीम नें कलिंग के राज्यपाल और प्रांतपाल नें सम्राट सुशील मौर्य की धोखे से हत्या कर दी गई थी! उस समय सम्राट अशोक राजकुमार के रूप में मध्य प्रदेश सांची राजपाल हुआ करते थे उनके भाई की हत्या के बाद सम्राट अशोक के पिता चक्रवर्ती सम्राट बिंदुसार मौर्य सम्राट अशोक को मगध बुलाया और कालिंग से भयानक युद्ध हुई (कलिंग यानि उड़ीसा) मगध सेना ने कलिंग में कई दिनों तक नरसंहार कर दिया कई लाख लोग मारे गए और कालिंग को फिर भारत का राज्य के रूप में स्थापित किया गया! सम्राट अशोक के गुस्से को देखते हुए बुद्ध भूच्छुक द्वारा शांति के संदेश हेतु सम्राट अशोक से प्रार्थना किया गया चक्रवर्ती सम्राट अशोक नें कलिंग से मगध पहुचे पर मगध और पाटलिपुत्र में कलिंग जीत पर अशोक विजय दशमी के रूप में दीप उत्सव मनाया गया था और सम्राट अशोक नें शांति का संदेश भी दिये थे! दीपावली एक ऐसा शुभ दिन है शुभ पर है! भारत के सनातन धर्म किसी ने किसी प्रकार के विजय दिवस के रूप में मनाया गया है और सबसे संघर्ष खुशी की बात है! Diwali, दिवाली का ही दिन भारत का विजय का दिन होता है!
दिवाली सनातन धर्म में क्यों मनाया जाता है!
दिवाली सनातन धर्म में दिवाली क्यों मनाई जाती है! Diwali kyon manae jaati hai hai-प्राचीन काल से यह त्यौहार मनाया जा रहा है,जहां भगवान विष्णु लक्ष्मी की बात हो,लक्ष्मी देवी श्री गणेश की पूजा की बात हो, श्री राम माता सीता जी की बात हो, भारत के चक्रवर्ती राजा सम्राट अशोक की बात हों,दीवाली का दिन भारत देशवासियों के लिए सनातन धर्म के लोगों के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है! दिवाली के 10 दिन पहले से लोग अपने घरों के साफ सफाई करते हैं! दिवाली के आते-आते समय पर नए-नए कपड़े खरीदने हैं,Diwali,दिवाली के दो दिन पहले से लोग धूमधाम से फटाकडी फोड़ते हैं,दीप जलते हैं रंगोली बनाते हैं! दिवाली के दो दिन पहले से और दो-चार दिन बाद तक लोग मिठाई खिलाते हैं! दिवाली हिंदुइज्म धर्म का सबसे बड़ा त्योहार माना गया है! भगवान विष्णु लक्ष्मी जी, माता सीता और राम जी,राधा श्री कृष्ण जी,माता लक्ष्मी देवी, भगवान श्री गणेश का पूजा पाठ किया जाता है! भगवान महावीर जी भगवान बुद्ध जी,विश्व गुरु नानक देव जी के नाम से लोग दीप जलाते हैं और खुशियां मनाते हैं! दीपावली का अर्थ होता हैं अंधेरों में उजालों का रोशनी लाना रोशनी देना अपने मित्र गण,एवं पड़ोसी रिश्तेदारों को मिठाई बांटना खुशियां बांटना यही दिवालीं का शुभ संदेश है!भारत के सनातन धर्म में सबसे शुभ शुद्ध सनातन पर्व मनाया जाता है और भारत ही नहीं पूरी दुनिया में जहां-जहां पर सनातन धर्म के हिंदू समाज लोग रहते हैं वहाँ दीप जलाकर खुशियाँ मानते हैं!
DIWALI-दिवाली क्यों मनाई जाती है!
Diwali-दिवाली क्यों मनाई जाती है,भारत में दिवाली मनाने का कई कारण है! जैसे भगवान विष्णु लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना की जाती है लक्ष्मी देवी और गणेश जी की पूजा की जाती है! माता सीता और राम जी अयोध्या पधारे थे! भगवान श्री कृष्णा नें एक राक्षस की वध किए थे! दीवाली के दिन सम्राट अशोक कलिंग से मगध पहुंचे थे! भारत में दिवाली मनाने का बहुत से शुभ दिन माना गया है सभी देवी देवताओं और महाराजाओं के प्रति यह शुभ संदेश रही है इसलिए भारत में सबसे दीवाली की त्योहार बड़े धूमधाम से मनाई जाती है! दिवाली के बाद भाई दूज मनाया जाता है, भाई दूज का अर्थ होता हैं भाई और बहन एक दूसरे से मिलते हैं, दीपावली कब पर्व सनातन हिंदू धर्म का सबसे बड़े त्योहार में त्योहार माना जाता है, दिवाली त्योहार पर बड़े से बड़े व्यापारी उनके वहां काम करने वाले वर्कों को पैसे कपड़े मिठाई एवं सभी प्रकार के खाद्य सामग्री देकर भेंट करते हैं और दिवाली की छुट्टी मनाने जाते हैं! भारत का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली दिवाली में लगभग कम से कम कई दिनों तक लोग छुट्टियां मनाते हैं!
दिवाली का पवित्र त्यौहार हिंदू समाज के लिए सबसे बड़ा त्यौहार में त्यौहार है यह त्यौहार भादोव महीने के समय या त्यौहार आता है, ग्रामीण क्षेत्रों में जब धान की कटाई शुरू होता है! उसे समय भी यह त्योहार कहा जाता है कि अब दीपावली आ गया है! दीपावली के कुछ दिन बाद में उत्तर भारत के बिहार में भगवान सूर्य का छठ पूजा भी मनाया जाता हैं! छठ पूजा बिहार नहीं भारत के कोने-कोने में अब धीरे-धीरे लोग मानने लगे हैं, पहले छठ पूजा का महत्व सबसे ज्यादा बिहार में हुआ करता था जैसे-जैसे लोगों को जानकारी हुई छठ पूजा का अर्थ होता है भगवान सूर्य को अर्क देना छठ पूजा बहुत शुद्ध और शुभ पूजा माना जाता है इसके लिए भी बहुत उपासना और साफ सुथरा शरीरों विचार होने के बाद में छठ पूजा का लोग मानते मांगते हैं उनका मनोकामनाएं पूर्ण होने के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हैं!