Banaras-Varanasi-kasi :
प्राचीन समय से वाराणसी को काशी कहा जाता है यह जिला भारत के उत्तर प्रदेश पूर्वांचल में स्थित है! काशी अपने आप में दुनिया में प्रसिद्ध है यहां पर सभी देवी देवताओं का तीर्थ स्थलों के कारण, एवं अनेक अनेक कलाओं से, जैसे संगीत, प्राचीन बनारसी साड़ी, गोलचा कालीन, तथा वाराणसी से माता गंगा जी मार्ग दर्शन है! काशी विश्वनाथ की बात की जाती हजारों लाखों सालों से यह काशी वाराणसी और बनारस, यह तीनों प्राचीन नाम है या एक की जिला का नाम स्थित है!
वाराणसी को कितने नाम से जाना जाता है!
भारत के राज्य उत्तर प्रदेश जिला वाराणसी को तीन नाम से जाना जाता है! यह स्थान देवताओं के चरणों का स्थान है!
*भगवान शिव शंकर की नगरी काशी विश्वनाथ के नाम पर भी जाना जाता है!
*भगवान बुद्ध ने प्रथम बार सारनाथ में अपने 5 शिश लोगों को ज्ञान प्राप्ति के बाद पहली बार सारनाथ में अपना उद्देश्य दिए थे!
*वाराणसी कि बनारसी साड़ी दुनिया में प्रसिद्ध है जिसे सोने चांदी तथा रेशम के अर्क से बनाया जाता है!
*बनारसी साड़ी प्राचीन कालों से वाराणसी की बनारसी सारी के नाम से प्रसिद्ध है!
*भगवान शिव शंकर नगरी श्री काशी विश्वनाथ प्राचीन मंदिर के कारण वाराणसी को काशी भी कहा जाता है!
*बनारस को बनारसी साड़ी के नाम पर वाराणसी को बनारस भी कहा जाता है!
*प्रसिद्ध विश्व का विश्व हिन्दू यूनिवर्सिटी जिसे BHU- कहते हैं!
*बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नाम पर जाना जाता है!
*वाराणसी को वरना नदी के नामो से जाना जाता हैं यह नहीं प्राचीन समय सही वाराणसी प्रसिद्ध हैं!
*वाराणसी कि एक खासियत रही है! बनारस और काशी के प्रसिद्ध विश्व का एक नाम चीन शहरों में जाना जाता हैं! अगर देखा जाए Banaras,Varanasi,Kashi,वाराणसी बनारस और काशी एक ही नाम हैं!
वाराणसी जिला में कितने जिले बनाए गए हैं उसका क्या-क्या नाम है!
वाराणसी जिला में तीन जिला बनाया गया है! वाराणसी जिला उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े जिले में जाना जाता था! जैसे-जैसे राज्य और जिले की जनसंख्या बढ़ती रहती है! इस प्रकार से लोगों की सुविधा अशुद्ध में बदलने लगती है इसलिए जनसंख्या का आधार पर जिला को छोटा बना दिया जाता है उसमें एक जिला में दो जिला कर दिए जाते हैं! वाराणसी जिला से दो जिला है!
चंदौली जिला -भदोही जिला यह वाराणसी का उपनाम के जिला हैं! आज भी यह दोनों जिला का नाम अलग-अलग है मगर कोई भी कार्य होता है वाराणसी से ही होता हैं!चंदौली जिला हों भदोही जिला हों दोनों जिला का नाम तो बदल दिया गया है बना दिया गया है! सुविधा किसी भी प्रकार की नहीं है ! ना हीं आज तक राज्य सरकार इन दोनों जिलों विकास कर पाई हैं! जैसे एक कहावत है नाम बड़ा दर्शन छोटा हैं! आज भी वाराणसी जिला के नाम पर चाहे चंदौली के लोग हो जाए भदोही के लोग पुराने जिले के नाम से ही अपना पन का परिचय देते हैं!
बनारस क्यों प्रसिद्ध है !
वाराणसी जिला का बनारस यह बनारसी साड़ी जो रेशम से बनाई जाती है! छोटे-छोटे बारीक़ बारीक़ चांदी और सोने के धागे बनाकर मिढ़ी जाती है! और उसके बाद बनारसी साड़ी की सजावट से सजती हैं! किसी प्रकार से भदोही जिला में कलाकारों से भरा हुआ चाहे साड़ी के बुनकर हो चाहे गैलेचा के बुनकर हों! वाराणसी और भदोही चंदौली यह प्राचीन काल से बड़े से बड़े कलाकारों से प्रसिद्ध जिला है!
प्राचीन समय से वाराणसी एक धर्म नगरी रही है वाराणसी काशी और बनारस एक ही नाम से जाना जाता है विश्व के कोने-कोने से लोग वाराणसी में आते हैं और जाते हैं! विश्व की शांति प्रिया शहर वाराणसी, अपने आप में बहुत अद्भुत है वाराणसी के लोग बहुत अच्छे इंसान होते हैं! वाराणसी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल एक जिला है जिसको बनारस और काशी के नाम पर वाराणसी के नाम पर भी जाना जाता है!
सारनाथ वाराणसी,
सारनाथ वाराणसी बनारस काशी, यह विश्व की प्राचीन नाम में इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं! यह धरती वीरों की धरती रही है! वाराणसी में भगवान बुद्ध स्वयं आए हुए थे! जहां पर प्रथम बार उन्होंने सारनाथ में अपना अपने पांच भक्तों को पहला ज्ञान सारनाथ में दिए थे! यह प्राचीन धरोहर, देवी देवताओं धर्म गुरुओं का नगरी रही है! काशी के धरती से मां गंगा भी निकली है! वाराणसी अपने आप में बहुत अद्भुत शहर माना जाता है और एक बार हर एक व्यक्ति को काशी विश्वनाथ मंदिर, जाना चाहिए अब शिव शंभू का दर्शन करना चाहिए