Mata Shitala – शीतला माता का मंदिर कहां पर है!
प्राचीन समय की बात है सभी शक्तियों में देवियों की छोटी बहन देवी माता शीतला का जिक्र होता है जैसे माता शीतला देवी आदिशक्ति के रूप में जानी जाती है! माँ शीतला देवी का मंदिर भारत के सभी राज्यों में हैं मिलेंगे मगर आपको माता शीतला का मुख्य मंदिर माता शीतला देवी जहाँ पर स्वयं विराजमान रहती हैं! माता शीतला देवी सभी देवियों की बहनों में सातवां स्थान हैं!
उत्तर प्रदेश: जिला-जौनपुर
उत्तर प्रदेश राज्य: जिला -जौनपुर में Mata Shitala-माता शीतला का भब्य मंदिर है! माता शीतला के मंदिर में भारत देश के अलावा विदेशों तक आते हैं दर्शन करने के लिए माता शीतला का मंदिर भाव मंदिर आदि शक्ति के रूप में माँ यहां विराजमान रहती है! माता शीतला कभी अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करती उनके मन ही मन्नत को माता पूर्ण रूप से उनकी मन्नत पूर्ण करती हैं! माता शीतला का मुख्य वृक्ष नीम का पेड़ होता है माता शीतला को नीम के पेड़ के पत्ते से आदर पूर्वक जैसा उनके चरणों में चढ़ाया जाता है माता शीतला नीम के पत्ते से अति प्रसन्न होती है !
महिला और पुरुष को देवी आने पर क्या करें!
प्राचीन समय की बात है महिला हो या पुरुष हो जब चेचक आ जाती है यानि देवी का अर्थ (चेचक) होता हैं! जैसे मनुष्य के शरीर में छोटे-छोटे बूंदी बूंदी जैसे लक्षण आ जाते हैं तब लोग दवाई से नहीं मां शीतला की आराधना पूजा पाठ करने से शांति मिलती हो साथ ही साथ मां शीतला का फ्रिज के नीम के पत्ते सहलाने से उन व्यक्ति के पास रखने से धर्म रखने से चेचक यानी जो देवी कहते हैं वह शांत पूर्वक चली जाती है यानि ठीक होने लगता है! नीम के पत्ते से मिलकर जल ग्रहण करें नीम पत्ते पानी मे हल्का उबाल कर स्नान कराये जिससे माँ शीतला प्रसन्न होती हैं और महिला या पुरुष को जिस प्रकार से बेटी के शरीर में छाया होती है वह पूर्ण रूप से धीरे-धीरे ठीक हों जाते हैं!
चेचक में नीम का पत्ता कितना लाभदायक है!
Mata Shitala- मां शीतला का वरदान है नीम के पत्ते बहुत लाभदायक होता है! चाहे नीम का पत्ता हो चाहे नीम की लकड़ी की दातुन हो या दांतों के लिए शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है यह प्राचीन काल से चली आ रही है!
आदिशक्ति शीतला माता,इसलिए की नीम पत्ते किसी को खाज खुजली प्रसाद चेचक जैसी कोई समस्या होता है नीम के पत्ते का उपयोग करने से बहुत लाभदायक होता है! नीम के दातुन करने से दांत मजबूत होता है शरीर निरोगी रहता है! नीम के बीज का तेल और भी लाभदायक होता है किसी को बल की बीमारी हो जिसे बाल झड़ने लगे बाल टूटने लगे! नीम की तेल लगाने से बाल पुनह आने की संभावना हो जाती है! और सर से रूसी हमेशा के लिए मिट जाती है! यह Mata Shitala माता शीतला की वरदान रही है! नीम के पेड़ को लोग जल देते हैं ! नीम की पट्टी को जल देने से माता प्रसन्न होती हैं! शीतला माता का मंदिर में लोगों के जीवन का शुभ कार्य होते हैं आने वाले रुकावटें व बाधाए नष्ट होती हैं!
माँ शीतला धाम जौनपुर कैसे जाएं!
उत्तर प्रदेश- जिला जौनपुर में माता शीतला की मंदिर जाने के लिए भारत के सभी राज्यों से जौनपुर रेलगाड़ी से आप जा सकते हैं! अगर आपको हवाई जहाज से जाना होगा तो वाराणसी एयरपोर्ट से 40 किलोमीटर निकट पर माता शीतला का मंदिर है ! जौनपुर रेलवे स्टेशंस 5 किलोमीटर के दुरी पर माता विराजमान रहती है वहां पर हजारों हजारों की संख्या में प्रतिदिन मां के भक्ति आते रहते हैं! मां शीतला का मंदिर बहुत विशाल मंदिर है ! यहां आने वाले भक्तों का सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं! माँ शीतला देवी का सवारी गदही का होता है! जो बहुत शुभ माना जाता है!
माता शीतला देवी मुखार विंद
Mata Shitala-आदिशक्ति शीतला माता का मंदिर, उत्तर प्रदेश के जिला जौनपुर में स्थित है मां शीतला देवी का मंदिर कड़े मानिकपुर मैं भी इनका एक मंदिर विशाल रूप में स्थित है! प्राचीन काल में माता शीतला का वहां पर कड़ा गिर गया था जिसे कड़े मानिपुर के नाम से माता शीतला देवी का भाव मंदिर स्थित है वहां पर लाखों करोड़ों दर्शन करने आते हैं!आदिशक्ति शीतला माता देवी,
आदिशक्ति शीतला माता का मंदिर कहां पर है कैसे जाएं,
Very Very Nice DEAR 🌹 😍
जय हो शीतला मईया