Uttar Pradesh-आओ मिलकर पर्यावरण और नदियाँ व तालाबों को बचाएं, मौर्य

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Uttar Pradesh-आओ मिलकर पर्यावरण और नदियाँ व तालाबों को बचाएं, मौर्य

उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ : उत्तर प्रदेश अध्यक्ष : सुलोचना मौर्य

संसार में मनुष्य को जीने के लिए क्या-क्या आवश्यकता होतीं है!

World :जैसे-पीने के लिए पानी जीने के लिए ऑक्सीजन जिससे मनुष्य सांस ले सके और उसकी शरीर जीवित रह सके इसके बाद हर एक मनुष्य अपने जीवन जीना खाना पीना और शरीर को सुरक्षित रखना !चाहे भारत हो चाहे दुनिया का कोई भी देश हो चाहे किसी भी प्रकार की परजाती का जीव जंतु जानवर हो या मनुष्य हो धरती पर जन्म लेने वालों को ऑक्सीजन लेना ही उनके जीवन का प्रथम है !

हमें ऑक्सीजन कहां से मिलती है!

Uttar Pradesh-दुनिया में तरह-तरह के वृक्ष होते हैं जिससे मनुष्य को जीने के लिए ऑक्सीजन मिलता है! वृक्ष में कई प्रजातियां पाई जाती है! उसमें से सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाला वृक्ष बरगद, नीम और पीपल का वृक्ष होता है! इन तीनों वृक्ष से मनुष्य को धरती पर सबसे ज्यादा ऑक्सीजन प्राप्त होती है! धरती पर हजारों प्रकार के वृक्ष होते हैं कोई फलदार होता है कोई छायादार होता है कोई लकड़ीदार, होता हैं! अगर देखा जाए धरती पर जो भी वृक्ष लगाए जाते हैं! किसी प्रकार से ऑक्सीजन जरूरत देते है!धरती पर किसी भी प्रकार का वृक्ष हो यही परमात्मा का दिया हुआ मनुष्य के लिए एक प्रसाद हैं! सोचने की बात है वृक्ष अलावा तरह-तरह के अन्य भी धरती पर ही उगला है जिससे मनुष्य की आहार होता है! अगर आज के देखा जाय मनुष्य धीरे-धीरे पेड़ पौधे काटते जा रहे हैं! मनुष्य को सोने की बात है हम पेड़ पौधे नहीं काट रहे हैं हमारे आने वाली पीढ़ियों के साथ छल कर रहे हैं!

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 फलदार वृक्ष

 नदिया और तालाब को कैसे सुरक्षित करें !

पेड़ पौधों के अलावा आज धरती पर दिया नदी और तलाब सुखती जा रही है! इसकी जिम्मेदार मनुष्य स्वम है! भारत देश की बात की जाय चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार हो वह भी जिम्मेदार है! जिससे प्रशासन शासन पूरी जिम्मेदारी होती हैं राज्य में शहर मेंगावों में तालाब को नष्ट किया जा रहा है नदिया खुद लुप्त हो रही है! इसके अनेक कारण हैं! तालाब को हर वर्ष उसकी निर्माण करनी चाहिए खुदाई करवानी चाहिए, रही बात नदियों की है! देश में कुछ राज्यों की नदियां धीरे-धीरे लुप्त हो रही है! इसका कारण है प्रसाद के समय मिट्टी के साथ पानी और मिट्टी से नदियां भर जाते हैं! और धीरे-धीरे भारत की सैकड़ो नदियां लुप्त हो चुकी है!

नदिया लुप्त होने के कारण में बाहर आई हुई भरी हुई मिट्टी को सफाई करनी चाहिए खुदाई करवानी चाहिए यह जिम्मेदारी राज्य सरकार ग्राम प्रधानों की होती है, मुख्य जिम्मेदार जिलाधिकारी होते हैं! तालाब नष्ट हो नदियाँ लुप्त हो रही है सभी को हर वर्ष इसकी मिट्टी की खुदाई करनी चाहिए जिससे बरसात की पानी नदियों में भारी रहे और तालाबों में भारी रहे यह सरकार की जवाब नहीं होती है! नदियों के पानी नदियों के होते हुए समुद्र में समा जाते हैं! जहां तक नदी तो गांव की बाढ़ की बात आती है इसका सबसे बड़ा कारण तालाब और नदियों की खुदाई न करवाने का कारण है!

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 गांव की तालाव

नदियों को अधिक से अधिक गहराई तक की खुदाई होने से अगर बरसात पानी गांव से आकर अगर नदियों में भरने लगे गांव में बाढ़ आने की सवाल ही नहीं होता ! धीरे-धीरे नदियों की गहराई कम होती जा रही है! बरसात की पानी और गांव के पानी नदी के बराबर होते जा रहे हैं इसलिए गांव में बाढ़ आ रही हैं!

*पेड़ पौधे कम होने से आने वाले भविष्य के लिए क्या नुकसान है!

जहां तक भारत में देखा जाए भारत की मनुष्य की जनसंख्या 150 करोड़ की ज्यादा है! ज्यादा जनसंख्या वाले देश में पर्यावरण का भी बढ़ावा देना चाहिए जिससे लोगों को शुद्ध ऑक्सीजन मिल सके और शरीर के स्वास्थ्य और निरोगी बनी रहे! आज भारत के अंदर जहां तक देखा जाए कंपनी फैक्ट्री से वाहन से प्रदूषण फैल रहा है इसकी जिम्मेदार मनुष्य स्वम हैं!

मनुष्य के शरीर के लिए शुद्ध ऑक्सीजन चाहिए इसके लिए पर्यावरण बढ़ावा देनी चाहिए,चाहे शहर हो या गांव हो जगह पर्यावरण का बढ़ावा देना चाहिए! अगर आज के भारत में लोग लाखों करोड़ों रुपए खर्च करके हर बंगले बिल्डिंग बनाते हैं ए ,सी पंखे लगते हैं! मगर एक पेड़ नहीं लगा सकते उनके पास समय नहीं है!

 यहां विकास वहीं विनाश :

आज के भारत में लोग़ धन को अपना बल समझते हैं यही सबसे बड़ी भूल है !आज के भारत में जैसे-जैसे विकास हो रहा है वैसे वैसे ही धरती पर विनाश भी हो रहा है! धरती पर विनाश होने के कारण मनुष्य स्वयं जिम्मेदार हैं! जहाँ तक पर्यावरण की बात है! मनुष्य को ऑक्सीजन जरूर देता है! ऑक्सीजन के साथ फल, छाव, तथा लकड़िया भी देता हैं!

पेड़ पौधे कों मनुष्य अपना घर बसाने के लिए चिड़िया पंछियों का घर क्यों उजाड़ता है! एक पेड़ अनेक पंछियों का घर होता है! धूप हो बरसात हो ठंड हो, तरह-तरह की चिड़िया पंछी अपना उन्हें पेड़ों पर बसेरा बनती है जो मनुष्य उसे काट रहे हैं! इसका अर्थ है कि मनुष्य चिड़िया पक्षियों का घर का अपना घर बसा रहे हैं! धरती पर अनेक जीव जंतु होते हैं जो धरती से ऊपर पेड़ पौधों पर रहते हैं उसका नाम है! चिड़िया पंछी ! जहां तक देखा जाय पेड़ पौधों की बात हो यह पेड़ पौधे चिड़िया पंछियों का घर होता है !

धनवान इंसान का अहंकार क्या है.!

आज के मनुष्य धन और दौलत के नशे में मस्त है उनको कुछ फर्क नहीं पड़ता है!इस लिए कि उनके लिए धन दौलत ही जीवन है धन है तो बोल है सब कुछ है धनवान व्यक्ति सोचता है कि पैसे हैं तो हम कुछ भी खरीद सकते हैं कर सकते हैं! पैसा एक व्यवस्था करने की उपाय हो सकता है! प्रकृति की बनाई हुई चीज को खरीद नहीं सकता चाहे जीवन हो या बीता हुआ पिछला कल हो – मगर मनुष्य को  पैसे के अहंकार में कुछ दिखाई नहीं देता है !

धरती पर पेड़ पौधे नदिया और तालाब मनुष्य के लिए क्यों जरूरी है!

धरती पर इस प्रकार से मनुष्य अपने जीवन जीता इसी प्रकार से 84 हजार जीव जंतु भी इसी धरती पर जीते हैं!
परमात्मा ने सभी को किसी ने किसी रूप में जन्म दिया है ! इसी धरती पर कुछ जमीन के निचे जी रहे हैं! कोई कोई जल में जी रहे हैं,
कितने जीव जंतु हैं! इसी धरती पर कितने चिड़िया पंछी जीव जंतु पेड़ पौधों पर अपना जीवन जी रहे हैं!
इसी प्रकार से जीव जंतुओं के लिए चिड़िया पंछियों के लिए,इन्हें परमात्मा के द्वारा बनाए गए यह अपनी जीवन स्वयं जी लेते हैं!

धरती के शुद्ध नदियां

जिस प्रकार से मनुष्य अपने कर्म के आधार पर जीवन जीता है! उसके बाद भी वह सुख और शांति से अपने जीवन नहीं जी पाता हैं! इस धरती मनुष्य अपने स्वार्थ अपने मतलब से जीता है जहां तक देखा जाए 84000 जीव-जंतु बिना स्वार्थ के जीते हैं!
धरती पर जल हो,या वन हो-मनुष्य के अलावा सभी जीव जंतुओं के लिए उतना ही उपयोगी होता है कितना मनुष्य के लिए होता है! चाहे नदिया हो चाहे तालाब हो,चाहे फल का वृक्ष हो या छांव का वृक्ष हो – मनुष्य और तरह-तरह के पंछी जानवरों के लिए बहुत उपयोगी है ! इसलिए हर एक मनुष्य को पर्यावरण का ध्यान देना चाहिए! जिससे आने वाली पीढियों को शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त हो सके !

एक वृक्ष अनेक रूप है,

यह गूगल स्टोरी एक जागरूकता के लिए लिखी गई जिससे मनुष्य और जीव जंतुओं में कोई फर्क नहीं है! हर एक मनुष्य और जीव जंतु में एक समान प्राण होती है!

उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ

उत्तर प्रदेश अध्यक्ष : सुलोचना मौर्य,

Uttar Pradesh Mahila Shikshak Sangh,

Uttar Pradesh president :  Sulochana Maurya

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