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Maa Sharda Mandir: माँ मैहर देवी मंदिर कैसे पहुंचे.!

Maa Sharda Devi..
माता शारदा देवी की धाम.

Mata Sharda Devi ki Mandir

 Mata Maihar Dham :

*माँ शारदा देवी मैहर धाम की अद्भुत कहानी है! प्राचीन वर्ष की बात है माता शारदा देवी का मंदिर जिला सतना मध्य प्रदेश में स्थित है!
*माता मैहर देवी का मंदिर माता मैहर रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित है ! इस मंदिर का प्राचीन इतिहास रहा है! प्रसिद्ध मंदिर की मान्यता के अनुसार इस मंदिर में सुबह और शाम को आरती के समय मंदिर के कपाट को बंद करके पुजारी सभी मंदिर के नीचे आ जाते हैं बताया जाता है कि इस मंदिर के माता के भक्त आल्हा द्वारा आज भी माता के मंदिर का आरती पूजा किया करते हैं और घंटी बजाते हैं! घंटी की आवाज मंदिर के बाहर तक सुनाई देती है!

*प्रसिद्ध माता शारदा के मंदिर की सत्य इतिहास रहा है सुबह में माता की मंदिर खोलने से पहले माता शारदा की श्रृंगार और पूजा पाठ हो चुकी रहती है ! उसके बाद पंडितों द्वारा माता का पूजा आरती किया जाता है! माता मैहर की मंदिर का आल्हा जैसे भक्त सदियों से सुबह की पूजा आरती हो या शाम की पूजा आरती हो कपाट बंद होने से पहले पूजा आरती हो चुकी रहती है यह बहुत अद्भुत हैं!मान्यता है कि माता शारदा के भक्ति आल्हा को माता का आशीर्वाद प्राप्त था जो सदियों से माता के भक्त हुआ करते थे माता ने आल्हा और उदल दोनों भाईओ की वीरता को देखते हुए माँ शारदा प्रसन्न होकर अमर होने का वरदान दिया था! आज भी प्रसिद्ध मंदिर माता शारदा के महा भक्त आल्हा और उदल ही करते हैं!

आल्हा और उदल की जीवनी क्या हैं.

*12 शताब्दी ईसापूर्व कि बात आल्हा और ऊदल दोनों भाइयों की कहानी है की प्राचीन इतिहास रही है आल्हा के पिता चंदेल वंश के राजा का सेनापति हुआ करते थे आल्हा 12 वार्षिक उम्र में आल्हा के पिता का वीरगत हो गए थे! आल्हा और उदल दोनों भाइयों ने 52 लड़ाईया की युद्ध जीत हासिल की थी आल्हा खंड के अनुसार आखिरी लड़ाई उन्होंने पृथ्वीराज चौहान से युद्ध हुई थी जिसमे उदल का वीरगत हो गए थे उसके बाद आल्हा ने अपने भाई को बदला लेने के लिए पृथ्वीराज चौहान से बहुत भयंकर युद्ध लड़ी जिसमें पृथ्वीराज चौहान को पराजित कर दिए थे! आल्हा के गुरु श्री गुरु गोरखनाथ के कहने पर पृथ्वीराज को जीवदान दे दिए थे! आल्हा खंड में लिखा हुआ है उदल वीरगत को प्राप्त हो गए थे उनके बाद आल्हा को माता मैहर शारदा देवी के सबसे बड़े भक्त हुआ करते थे!

*मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के धरती के आल्हा और उदल प्रसिद्ध योद्धा के रूप में आज भी उनकी इतिहास की गाथा दर्ज है!आज भी मैहर के लोगों का कहना है ! आज भी आल्हा अमर है इसलिए माता शारदा देवी के कपाट बंद होने के बाद भी मंदिर में सुबह और शाम को पूजा के समय माता का सिंगर और आरती वीर अमर आल्हा स्वम आकर आरती पूजा करते हैं! उसके बाद मंदिर के पंडितों द्वारा मंदिर का कपाट खोले जाते हैं! जिसमें माता जी का पूजा अर्चना हो चुकी रहती है माता मैहर धाम की अद्भुत कहानी है!बताया जाता है” कि पृथ्वीराज चौहान से आल्हा ने अपनी युद्ध जीतने के बाद माता शारदा देवी के चरणों में अपना अस्त्र त्याग कर माता के सेवक बन गए थे माता मैहर शारदा देवी ने आल्हा को अमर होने का आशीर्वाद दी थी..

शारदा माता का नाम मैहर कैसे पड़ा..

*जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि मैहर शारदा का माता कि मैहर नाम कैसे पड़ा अद्भुत माता शारदा के घर को माई का घर कहा जाता था माई के घर के नाम मैहर नाम कहने लगे इसी प्रकार से माता शारदा का नाम माता मैहर के नाम से जानी जाती हैं !माता मैहर धाम की मंदिर त्रिकूट पर्वत  की ऊंचाइयों पर माता विराजमान रहती हैं! धरती से पर्वत तक लगभग 1100 सीडी के कदमों पर चलने से माता का दर्शन की प्राप्ति होती है! माता मैहर की जो भी भक्तगण होते हैं माता उनकी हर एक मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं! माता शारदा देवी भारत देश ही नहीं पूरे विदेश तक जानी जाती हैं मानी जाति है ! देश और विदेश से लाखों करोड़ों भक्त माता के दर्शन करने के लिए ताता लगी रहती है ! नवरात्र के दिनों में माता के धाम में लाखों लाखों भक्तों की भीड़ लगी रहती है! माता के नाम पर कई लाख पचरा,आरती,अनेक अनेक गायक द्रारा भजन कीर्तन पचरा गाये गए सभी सुरीली आवाज में सुनकर मनमोहित कर देता है !

 माता मैहर धाम जाने के लिए सुविधा क्या है..

*माता शारदा देवी मैहर धाम 51 शक्तिपीठों में यह माता का धाम है ! प्राचीन चमत्कारी मंदिर की गाथा!माता मैहर धाम जाने के लिए भारत के अनेक अनेक राज्यों से रेलवे ट्रेनों की सुविधा उपलब्ध है! तथा यह मंदिर सतना जिला में स्थित है मैहर रेलवे स्टेशन कुछ ही दूरी पर माता शारदा देवी का मंदिर स्थित है ! मैहर एक अच्छी शहर है जहां पर यहां आने जाने वाले घूमने टहलने के लिए अनेक अनेक स्थान उपलब्ध है !

 जैसे-

1)मां शारदा मंदिर,

2)नीलकंठ मंदिर आश्रम मैहर,

3)गोलमठ मंदिर मैहर,

4)ओयला मंदिर

5)बड़ी खेरमाई मंदिर

6)पत्रिखोह जलप्रपात मैहर मंदिर

7)बड़ा अखाड़ा मंदिर मैहर

8)आल्हा उदल का मंदिर

9)इच्छापूर्ति मंदिर मैहर

10)भैरवनाथ मंदिर,

11) मैहर बांध

12 मां विंध्यवासिनी मंदिर

13) प्राचीन मैहर किला

14) ललिता शक्तिपीठ मैहर

15)मैहर पन्ना राष्ट्रीय उद्यान पार्क

माता मैहर धाम  के निकट में घूमने टहलने के लिए अनेक अनेक धर्मस्थल उपलब्ध..!

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