TREE-पक्षी और पर्यावरण-जल को कैसे बचाएं क्यों जरूरी है.?

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TREE-पक्षी और पर्यावरण-जल को कैसे बचाएं क्यों जरूरी है ?

आओ मिलकर पर्यावरण को बचाए!

पेड़ को पानी खींचता है-पेड़ की लकड़ी को पानी कभी डूबने नहीं देती !

 (पानी और पेड़ की मित्रता क्या हैं

आओ जल,पर्यावरण,चिड़िया पंछी,को बचाएं.

आज भारत देश ही नहीं पूरे दुनिया में वृक्ष बहुत आवश्यकता पड़ रही है!इसलिए कि हमें शुद्ध ऑक्सीजन चाहिए इस लिए आओ मिलकर पर्यावरण को बढ़ावा दें ! वृक्ष से हमें ऑक्सीजन तथा फल की प्राप्ति होती है साथ ही साथ समय-समय हर व्यक्तियों को शुद्ध ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है !

आओ देखे वृक्ष से कितने फायदे होते हैं !

देश मे आने वाली पीढियां के लिए वृक्ष कितना जरूरी है TREE,पेड़ पौधों मे अनेक अनेक प्रकार के पऱजाति पाई जाती है कोई वृक्ष छाया के लिए होता कोई वृक्ष छाया और फल के लिए होता है यह हमारे लिए बहुत फायदे मंद होते हैं !

जैसे-वृक्ष से शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है और फल भी मिलते हैं! बूढ़े वृक्ष का हमें लकड़िया भी  प्राप्त होती हैँ! जो की हमारे सनातन धर्म के अंतिम दिनों में लोगों को सुखी लकड़ी की जरूरत पड़ती है ! पहले के जमाने में देखा जाता था हर गांव में एक दो बगीचे होते थे! हर घर-घर पेड़ पौधे हुआ करते थे तब लोगों की जनसंख्या बहुत कम हुआ करती थी! आज हमारे देश मे देश की राज्यों की
जनसंख्या धीरे-धीरे बढ़ती चली जा रही है !

परंतु जंगल लुप्त होते जा रहे हैं इसका कारण क्या हैं! सरकार या आम जनता है !

आईए देखते हैं ! गांव की संस्कृति और गांव की संस्कार दुनिया में हजारों वर्ष पहले शहर नहीं गांव नहीं जंगल जैसा गांव हुआ करता था! धीरे-धीरे छोटे-छोटे बाजार लगने लगे जैसा जैसा शिक्षा बढ़ते गया  वैसे उसे शहर का विकास होने लगा! छोटे शहर की जनसंख्या ज्यादा होने से कॉलोनी के बजाय इन बड़े से बड़े बिल्डिंग में बनने शुरू हो गई! इसलिए कि शहर तो बढ़ा नहीं सकते समय के अनुसार जनसंख्या घटा नहीं सकते इस लिए शहरों में बड़ी से बड़ी बिल्डिंग में बनाई जाने लगी!

*अगर देखा जाए तो शहरों का विकास हुआ करता है ! मगर गांव की संस्कार संस्कृति और कृषि से गांव के वातावरण शुद्ध रहता है यह प्राकृतिक की सुंदरता है!

*हजारों सैकड़ो वर्ष पहले हमारे पूर्वजों द्वारा हमें दी गई संस्कृति को आज भी अपनी भारत की संस्कृति को बचाकर रखनी चाहिए! शिक्षा हो ना हो  मगर शिक्षा एक आने वाली पीढ़ियों का विकास है” शिक्षा और विज्ञान विकास का मार्ग हैँ ” शिक्षा से आप शिक्षित हैं  तो गांव हो शहर हो देश हो विदेश अनेक अनेक स्थान पर हर उपलब्धियां ला सकते है! शिक्षा से समाज शिक्षित होता है, शिक्षा ही विज्ञान हैँ! आज शिक्षा से वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर,कृषि विभाग और ग्रामीण क्षेत्र का नए-नए विकास की उपलब्धियां मिलती हैं !

*पहले शिक्षा का अभाव बहुत कम हुआ करता था!

दुनिया में पहले भी अंगूठे की जमाना हुआ करता था आज शिक्षा का जमाना है! शिक्षा हर व्यक्तियों के लिए बहुत जरूरी है ‘आज के समय में महिला हो या पुरुष सभी शिक्षा के मार्ग पर चल रहे हैं विकास भी कर रहे हैं!उसके बावजूद भी देश मे भ्रष्टाचार और अपराध को देखते हुए सरकार ने आधार कार्ड जैसी सुविधा को निकाला है चाहे पुरुषों हो या महिलाओ  सभी के सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा अंगूठे का इस्तेमाल करने के लिए शुरुआत कर दी है!अंगूठा का मतलब यह नहीं की कोई शिक्षित नहीं है या शिक्षा ना ले! शिक्षा हमारे लिए हमारे समाज और हमारे देश के लिए मुख्य अंग हैं! 

देश में भ्रष्टाचार अपराध को देखते हुए सरकार ने लोगों को किसी भी प्रकार का कोई प्रमाण जैसे दुरुपयोग न कर सके इसलिए अंगूठा छाप आधार कार्ड बनाया गया है! जिसका किसी प्रकार की सरकारी लेनदेन हो वह व्यक्ति अपना लेनदेन अपने आधार कार्ड के माध्यम से कर सकता है!

आओ सब मिलकर जल बचाये !

भारत जैसे देश में जहाँ गंगा,जमुना,सरस्वती,देवी जैसी नदियाँ बहती है! गांव गांव मे शहर शहर मे अनेक अनेक नदियां भी है! उसके बाद भी हमारे पूर्वजों द्वारा गांव-गांव में बगीचा और तालाब निर्माण करवाएं जाते थे यह बहुत अनिवार्य हुआ करता था! बगीचे से शुद्ध ऑक्सीजन तथा सूखी लकड़ी से घर की खाना बनाने में काम आती थी”

तालाबों में क्या फायदा होता है पहले के जमाने में कुआं हुआ करती थी जिस कुए मे पानी की आवश्यकता तालाब की पानी का सोता से गांव गांव के कुए को पानी मिलता था जिससे हमारे पूर्वजों द्वारा कुएं के पानी को पीने और नहाने के लिए खेती की सिंचाई के लिए उपयोग में लाया करते थे! आज धीरे-धीरे कुएं तालाबों को लोगों ने नष्ट कर दिया या उपयोग करना बंद कर दिया ! जिस देश में गंगा जमुना सरस्वती जैसे हजारों नदियां हो आज उसे देश में ₹20 प्रति लीटर पानी बचा जा रहा है दूध 40 से ₹50 मी बेचा जा रहा है! यह सोचने की बात है! 

आओ मिलकर पानी बचाएं.

आज के समय में भारत देश की जनसंख्या को देखते हुए लोग चिंता जनक हैं! तालाबों नष्ट करके खेत बना बना रहे हैं !अगर देखा जाय बरसात के मौसम में बरसात का पानी गांव तालाब और नदी में रुकता था! गाँव की छोटी छोटी नदियाँ में नदी से समुद्र में जा कर समा जाती हैं! अब धीरे-धीरे गांव में पानी की सोत बहुत नीचे जा रही हैं! इसका कारण यह हैं की हमारा समाज हैं! हर गांव के तालाबों को नष्ट करके खेत बना दिया गया है! कहीं-कहीं नदियां भी लुप्त हो रही है! इसलिए जनता और सरकार का ध्यान देने की आवश्यकता हैं हर एक नदियों हर वर्ष नदियों की खुदाई करवानी चाहिए ! जिसे उसकी गहराई और चौड़ाई वर्तमान तक बनी रहे!और बरसात की पानी तालाव और नदिओं में रुक सके!आज के दौर मे विज्ञान द्वारा बनाया गया हैण्ड पाइप है जो अब घर-घर गांव गांव में लगाई जा रही है! जिससे उसके पानी उपयोग भी कर सके ! अगरआज देखा जाए पानी को ज्यादा मात्रा में उपयोग से ज्यादा दुरुपयोग किया जा रहा हैं ! जैसे हैण्ड पाइप में सबमर्सिबल लगा देते हैं! एक बाल्टी पानी बजाएं अनेक बाल्टी पानी का दुरुपयोग किया जा रहा है! इसलिए हमें जल को बचाने के लिए उतने ही पानी की का निकासी करना चाहिए जीतना पानी पिने या उपयोग करने की आवश्यकता हो

गर्मी के मौसम में चिड़िया पंछियों को पानी पिलाये.

भारत देश में तीन मौसम होते हैं जैसे ठंड,गर्मी,और  बरसात,गर्मियों के मौसम में हम सभी लोगों को एक प्रेरणा लेनी चाहिए लेनी चाहिए जो चिड़िया पंछी है!  उन्हें जल कैसे प्राप्त हो ! गांव में नदी नालियों तथा तालाबों से जीव और जंतु जानवर,चिड़िया पंछी तथा अनेक जानवरों को पानी की आवश्यकता पूरी हो जाती है ! रही बात शहरों में जहाँ चिड़िया पंछी है हम उनके लिए क्या करें हम हमारे घरों के छत पर,किसी भी बर्तन मे अन्य और जल को रखनी चाहिए! जिससे चिड़िया पंछी को अन्य जल का ग्रहण करसके इसलिए प्राकृतिक का नियम है जैसे मनुष्य एक जीव हैँ वैसे ही जीव जंतु चिड़िया पंछी भी हमारे परिवार का हिस्सा हुआ करते हैं!

जिस प्रकार से आज के मनुष्य को पानी और ऑक्सीजन खरीदने के लिए मजबूर हो रहे हैं! इसका कारण यह हैँ आने वाले समय में हर एक मनुष्य स्वम की जिम्मेदार निभानी होंगी !

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