The World Great Buddha:भगवान गौतम बुद्ध का जीवन परिचय.!
भगवान गौतम बुद्ध जीवनी! |
तथागत गौतम बुद्ध जन्म 563 ईसा पूर्व लुंबनी – निर्वाण 483 ईसा पूर्व ) कुशीनगर,विश्व प्रसिद्ध भगवान बुद्ध की जीवनी भगवान बुद्ध का जन्म ईसा पूर्व 563 में राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी शाक्य गणराज्य में हुआ था इनके पिता का नाम राजा शुद्धोधन था इनकी माता का नाम महामाया देवी था राजकुमार सिद्धार्थ शाक्य क्षत्रिय राजवंश में जन्म हुआ था ( Rajkumar Siddharth shakya) राजकुमार सिद्धार्थ की माता का निधन बचपन में हो गया था.! |
राजकुमार सिद्धार्थ शाक्य की जीवनसाथी राजकुमारी यशोधरा पुत्र का नाम राहुल था ( Rajkumar Siddharth ) (Bhagwan Gautam Buddh) भगवान गौतम बुद्ध 29 वर्ष में अपने राज पाठ तथा धर्मपत्नी यशोधरा अपने छोटे पुत्र राहुल को त्यागकर संसार को दुखों से मुक्त दिलाने के लिए सत्य दिव्य ज्ञान की खोज में रात्रि के समय वन की तरफ चल पड़े!उनका सारथी कहां राजकुमार हम एक बात पूछे राजकुमार सिद्धार्थ ने कहा अवश्य पूछिए सारथी ने कहा इतना बड़े महल राजपाठ राजकुमारी और राजकुमार को आप त्याग कर वन की ओर जा रहे हैं! यहां जो सुख सुविधा है वन में कोई सुख सुविधा नहीं मिलेगा भगवान ने मुस्कुरा कर कहा सुख और सुविधा जन्म मृत्यु की सीमित रहती है! यह सुख सुविधा हमारे पूर्वजों ने देखी है! हम संसार लोगों को दुखी देखकर मैं स्वयं दुखी हो जाता हूं उन्हें सुख और सुविधा सत्य ज्ञान के खोज में जा रहा हुँ!जो वन में मिलेगा ओ महल में नहीं मिलेगा भगवान गौतम बुद्ध वहां से वन की तरफ चल पड़े !
भगवान बुद्ध के पहले कौन थे!
भगवान गौतम बुद्ध बचपन से अतत्य करुणा हृदय वाले थे! वह किसी व्यक्ति का दुख सुनकर स्वम हो जाते थे ! बुद्ध ग्रंथ के अनुसार कहां गया है कि राजा सुशोधन राजकुमार सिद्धार्थ को एक चक्रवर्ती राजा बनाने चाहते थे! मगर बचपन में ही किसी ऋषि मुनि ने कहा था यह राजा नहीं रंग बनेगा तथागत विश्व का ज्ञानी बनेगा दुनिया में जाने जाएंगे और माने जाएंगे!तथागत भगवान गौतम बुद्ध ने कई वर्ष ज्ञान की खोज में भ्रमण करते रहें ! गया बिहार में बोधि वृक्ष के नीचे कई महीने कठोर तपस्या के बाद 538 ईसा पूर्व वैशाख पूर्णिमा के दिन दिव्य शक्ति ज्ञान प्राप्त हुआ था यह स्थान भारत के राज्य बिहार बोधगया में स्थित है!
The World,बुद्ध ग्रन्थ के अनुसार भगवान बुद्ध के पांच शिष्य हुआ करते थे! जो बुद्ध गया से उनके शिष्यों ने काशी के निकट सारनाथ चले आए थे! भगवान बुद्ध ने अपने शिष्य को ढूंढते ढूंढते सारनाथ चलें आए! भगवान गौतम बुद्ध ने पहला उद्देश्य सारनाथ में अपने पांच शिष्यों को दिए थे! आज भी जिला वाराणसी के निकट सारनाथ प्राचीन बुद्ध विहार मंदिर स्थित है! यह मंदिर भारत के चक्रवर्ती सम्राट अशोक द्वारा निर्माण कराया गया था! सारनाथ बुद्ध की संस्कृति से भरी हुई है! भगवान बुद्ध के ग्रंथालय भगवान बुद्ध के संस्कृति से सारनाथ विश्व का प्राचीन बुद्ध विहार है जहां पर एशिया और विदेशो भगवान बुद्ध का दर्शन करने आते हैं! सारनाथ का भगवान बुद्ध विहार कई किलोमीटर में स्थित है !
भगवान बुद्ध का प्राचीन भाषा पाली हुआ करता था-
भगवान बुद्ध के कई हजार सत्य उपदेश दिए हैं!
तथागत गौतम बुद्ध अनेक अनेक उपदेश दिए मानव को महामानव बना देता है! भगवान बुद्ध करते हैं सूरज और चंद्रमा सत्य कभी छिपता नहीं जैसे क्रोधी व्यक्ति को शत्रु ढूंढने की जरूरत नहीं है! उसका क्रोध ही उसका शत्रु है! तथागत गौतम बुद्ध कहते हैं मानव सेवा से बढ़कर कोई और सेवा नहीं हैं! भगवान बुद्ध कहते हैं माता-पिता का सेवा ही संसार का सबसे बड़ा सेवा है! तथागत गौतम बुद्ध भगवान कहते हैं पाप और पखंड से दूर रहिए !
World Great Buddha,तथागत भगवान गौतम बुद्ध कई हजार उपदेश दिए हैं उनकी लिखी हुई पाली भाषा के बड़े से बड़े पुस्तक ग्रंथ आज भी उपलब्ध हैं! बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय में कई हजार लिखी हुई पुस्तक भारत के शत्रुओं द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय को जलाकर प्राप्त कर दिया गया था!
भगवान बुद्ध जी को मानने वाले अनेक देश है!
भगवान गौतम बुद्ध उत्तर प्रदेश कुशीनगर में 483+ईसा पूर्व में अपना शरीर त्याग दिए थे! भगवान गौतम बुद्ध का वस्त्र भगवा रंग है ! पंचशील तिरंगा है मानव सेवा, पशु पक्षी सेवा, माता-पिता का सेवा दुनिया का सर्वश्रेष्ठ सेवा है!भारत की चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान ने भगवान बुद्ध के विचार को अपनाया और देश और विदेश तक भगवान बुद्ध की ज्ञान को पहुंचा हैँ भारत के सम्राट अशोक महान तथा गौतम बुद्ध के 84000 बुद्ध विहार एक विश्वविद्यालय, मानव चिकित्सालय पशुपालन, पशु चिकित्सालय जैसे बड़े-बड़े चिकित्सालय का निर्माण करवाए थे!चाहे मनुष्य चाहे पंछी हो चाहे किसी प्रकार की जानवर हो सभी के उपचार के लिए भारतवर्ष में अनेक अनेक राज्यों में विश्वविद्यालय अनेक अनेक चिकित्सालय जैसों का निर्माण करवाए थे! चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान के पिता का नाम भारत के चक्रवर्ती सम्राट बिंदुसार मौर्य के पुत्र थे! महान अशोक राजा के पितामह भारत गणराज्य का संस्थापक चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य हैं!