Citizenship Amendment Act- CAA से किसे मिलेगी नागरिकता.?
भारत नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 Act’क्या हैं!
(Citizenship Amendment Act)
इस कानून के तहत तीन पड़ोसी देश जैसे बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी. दिसंबर 2014 से पहले से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई ) को नागरिकता दी जाएगी!
CAA सीएए का फुल फॉर्म क्या है,Citizenship Amendment Act-,नागरिकता (संशोधन) अधिनियम है। नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 एक्ट एक ऐसा कानून बनाया गया हैँ!
भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा 2019 में यह क़ानून बनाई गई है! यह कानून उचित रूप से बहुत अच्छा कानून है! जब भारत देश से धर्म के नाम पर अफगानिस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश बनाया गया है उन देशों में हिंदूजम जैसे लोगों को जीने लिए नर्क जैसी जीवन हो गया था! इसलिए वहां के हिंदू बुद्ध पथ जैन पंथ सिख पंथ ईसाई और पारसी को अन्य धर्म के लोगो को भारत आने के लिए मजबूर हो गए थे!2014 में जो लोग भारत आए है यहां पर बिना नागरिकता के रह रहे थे!भारत सरकार के तरफ से नागरिकता दिया जाएगा! अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश धर्म के नाम से भारत से अलग होकर देश बना था! पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971मे भारत को एक टुकड़ा और बांग्लादेश बनाया था जो मुस्लिम लोगों के लिए इसके पहले 1947 में भारत दो खंड में बटा था इस लिए पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू और जिन्ना दो प्रधानमंत्री बने इसके कारण भारत और पाकिस्तान विभाजन हुआ और मुसलमान लोगों का भी मांग था मुस्लिम देश बने !
भारत से एक अफगानिस्तान पाकिस्तान और तीसरा बांग्लादेश मुस्लिम देश बनाया गया था देश के टुकड़े-टुकड़े होने से अन्य धर्म पर कट्टरपंथी मुस्लिम लोगों ने अन्य धर्म के लोगों पर जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगे इसलिए लोग मजबूर होकर भारत आने लगे! जब धर्म के नाम पर देश बना है कैसे मुस्लिम देश में हिंदुज्म पारसी ईसाई कैसे रह सकते हैं सोचने की बात हैँ!
भारत देश के आजादी बाद तीन देश बने!
धर्म के नाम पर देश बना बुरा असर पड़ा था जैसे अफगानिस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश इस्लामी देश बनाया गया इसके कारण भारत के तीन टुकड़े हुए!
अगर उन मुसलमान को भारतीयों से मिलकर यहां रहना चाहते होते देश विभाजन नहीं होता इस लिए हिंदुज्म ईसाई या पारसी से भाईचारा नहीं रहा होगा इस लिए देश विभाजन हुआ!अगर भाईचारा होता देश बनने का स्वाल ही नहीं पैदा होता है!
अफगानिस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश द्वारा उन देशों में हिंदुज्म पारसी और ईसाइयों को धर्म बदलाव करने के लिए मजबूर करते थे 2014 मे भाजपा सरकार आने से अन्य तीनो देशों से भारत चले आए जिससे भारत में रह सुरक्षित रह सके केंद्र सरकार ने शरणार्थियों को बिना नागरिकता का कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कर पा रही थी! इसलिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने CAA का 2019 मे कानून बनाया जिससे अन्य देशों के अल्पसंख्यक कम संख्या वाले हिंदुज्म सिख पंथ बुद्ध पथ जैन पंथ तथा ईसाई और पारसी को भारत रह सके और भारत की नागरिकता मिल सके! यह अच्छी कानून है!
CAA – 2024-2025 तक लागु हों सकता हैं!
2024 की वर्तमान का लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री अमित शाह ने सोमवार,11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019(CAA) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है! बता दें भारतीय नागरिकता (संशोधन) कानून पर 2019 मे बन गया था मुहर लग गई थी, लेकिन यह अब तक यह लागू नहीं हो सका था. लेकिन सोमवार को 11 मार्च 2024 को केंद्र की मोदी सरकार ने CAA को नियम कानून जारी कर दिए!
CAA का कानून क्या है.!
भारत की नागरिकता संशोधन कानून, 2019 एक्ट (सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) भारत के तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता साफ है जो दिसंबर 2014 से अब आये हुए लोगों को नागरिकता मिल सके उन देशों से आए हुए लोग किसी न किसी प्रकार से प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में शरण लिए हुए हैं. कोई भी व्यक्ति किसी भी देश में अपने पूर्वजों का घर जमीन छोड़कर मजबूर होकर भारत नहीं आएगा मजबूरियां इन्हे भारत आने के लिए मजबूर कर दिया था!इसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग भी शामिल हैं !बता दें कि भारत मे जो मुस्लिमों पहले से रह रहे या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता है उन्हें CAA से कोई खतरा नहीं है!
CAA का अधिक जानकारी!
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहली बार सीएए CAA /2016 में लोकसभा में पेश किया गया था. यहां से तो यह बिल पास हो गया लेकिन राज्यसभा में जाकर ये यह मामला रुक गया था.इसके बाद 2019 मे संसदीय समिति के पास भेजा गया और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव आ गए और फिर से बीजेपी की सरकार पारित की दिसंबर 2019 में इसे लोकसभा में दोबारा पेश किया गया और इस बार यह क़ानून लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगहों से पास हो गया. इसके बाद 10 जनवरी, 2020 को राष्ट्रपति द्वारा इसे मंजूरी मिल गई थी लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे लागू नहीं हो पाया था!
जानकारी के मुताबिक, सीएए कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है. जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बिना अनुमति से आए हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हैं, लेकिन तय अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक हुए है!
भारतीय नागरिकता पाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी की गई हैँ!
इसे लेकर एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार हो चुका है. इस पोर्टल पर आवेदकों को अपना वह साल बताना होगा.
जब उन्होंने बिना किसी दस्तावेज के भारत में प्रवेश किया था. नागरिकता पाने के लिए आवेदकों से किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. पात्र विस्थापितों को सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन करना होगा. जिसके बाद भारती केंद्रीय गृह मंत्रालय आवेदन की जांच करेगा और आवेदक को नागरिकता जारी किया जायेगा.!