मनुष्य-की तीसरी आँखे कहां पर है धरती का जन्म कैसे हुआ था !
Where is man’s Third Eye How was The Earth Born?
( मनुष्य की तीसरी आंखें कहाँ है) |
1क्या मनुष्य को तीन (नेत्र) आँखे होती हैं !
2)मांसाहारी व शाखाहारी जानवर की पहचान क्या है!
3) संसार की धरती का जन्म कैसे !
संसार की सृष्टि रचाने वाले भगवान शिव और शंकर के शिव पुराण में कहा गया है कि महादेव के तीन (आँखे )नेत्र हैं !
*भगवान श्री महादेव के 108 नाम है!
मनुष्य सनातन धर्म के ग्रंथ के शिव पुराण मे लिखा गया है! क्या यह सत्य है अगर लिखा गया है तो सत्य ही लिखा गया होगा! क्योंकि सनातन धर्म सत्य के आधार पर चलती है! सभी देवों को देव महादेव का कोई अनेक हैं! महादेव ही संसार के सृष्टि के दाता है! जिन्होंने संसार की रचना की जिन्होंने मनुष्य की रचना की जिन्होंने 84000 जीव जंतु पेड़ पौधे अलग-अलग रूप में रचना करने वाले महादेव हैं”माता पार्वती हैं!
*श्री भगवान महादेव अनंत हैं !
मनुष्य की तीसरी आँखे कहां पर है धरती का जन्म कैसे हुआ था ! भगवान शिव शंकर माता पार्वती का वार्तालाप में माता पार्वती ने पूछे हे महादेव आपके तीसरी नेत्र कहां पर हैं ” महादेव ने मुस्कुरा कर कहां है! हे देवी पार्वती तीसरा नेत्र वह होता है जो मनुष्य और शैतानों को एक सामान देखने का नजरिया अलग-अलग होनी चाहिए ! मनुष्य की भक्ति शैतानों की पहचान करना ही नेत्र का एक नजर होती है “एक नेत्र से दुनिया देख सकते हैं दुनिया में लोग कैसे-कैसे लोग हैं इसी नेत्र से पहचाना जा सकते हैं !