Bharat-भारत से अफगानिस्तान कब क्यों अलग हुआ था!

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Bharat-भारत से अफगानिस्तान कब क्यों अलग हुआ था!

Bharat-अखंड भारत की जब बात होती है भारत बहुत बड़ा देश हुआ करता था यानी कि भारत का क्षेत्रफल बहुत ज्यादा था भारत देश में 700 साल पहले मुगलों का आक्रमण हुआ और भारत के लोगों को गुलामी झेलनी पड़ी थी उसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी के ब्रिटिश शासन सन 1756 के लगभग में भारत पर अपना साम्राज्य कायम किया जिसे ब्रिटिश साम्राज्य कहा जाता था ब्रिटिश साम्राज्य दुनिया के सभी देशों में अपना शासन कायम किया था !

Bharat-भारत से अफगानिस्तान कब क्यों अलग हुआ था!

Bharat-अखंड भारत की जब बात होती है अखंड भारत सबसे बड़ा देश हुआ करता था अफगानिस्तान नेपाल हो भूटान हो मन्यमार हो,पाकिस्तान हो बांग्लादेश हो और भी देश है जो भारत अलग हुए हैं सिर्फ धर्म के नाम पर भारत अखंड भारत को खंड-खंड बनाया गया है,इसकी जिम्मेदार भारत में भारत लोंग स्वयं जिम्मेदार है, सन 1756 में भारत पर अंग्रेजों का शासन कायम हुआ था तब अंग्रेज शासन द्वारा भारत में पहले इंफ्रास्ट्रक्चर,रेलवे, बिजली, नदियों,गंगा, जमुना को जोड़ने के लिए पुलों का निर्माण किया,गया था मगर भारत में सनातन धर्म में सभी जातियों और धर्म बैठे हुए लोग जैसे कोई हिंदू बन बैठा है, कोई जैन बन बटे हुए है कोई बुद्धजन बन बैठा है, इसी प्रकार से छोटे बड़े जातियों में आपस के नफरत आपस के भाईचारे को खत्म कर दिया है,यही कारण रहा कि मुगलों ने भारत के 700 साल राज किया यहां के लोगों के मंदिरों को तोड़ना डरा धमकाकर धर्म को अपनाने के लिए मजबूर करना यह मुगलों की शान रहा करता था! East India Company ईस्ट इंडिया कंपनी के अंग्रेजों को शासन काल में भारत से अफगानिस्तान 1909 में अलग हो गया इसलिए कि अफगानिस्तान में 25 से 50 लाख शिया मुसलमान हुआ करते थे भारत अलग देश बनाने के लिए अफगानिस्तान को अलग कर दिया इसमें अंग्रेजों का सहमति भी थी!

भारत से अफगानिस्तान अलग होने का जिम्मेदार कौन है!

Bharat & Afghanistan भारत और अफगानिस्तान यह पहले ईरान,इराक भी भारत का हिस्सा हुआ करता था जब राजा चक्रवर्ती चंद्रगुप्त मौर्य का शासन हुआ करता था धीरे-धीरे इस्लाम-जैसे धर्म आया और अपने धर्म कों बढ़ाते हुए भारत तक पहुंच गए वैसे-वैसे धर्म के नाम से भारत खंड-खंड में बाटते चले गए! ईस्ट इंडिया कंपनी ब्रिटिश शासन का है, East India Company -ईस्ट इंडिया कंपनी का स्थापना सन 1600 ईसा पूर्व में हुआ था ब्रिटेन की रानी द्वारा इसकी स्थापना की गई थी जो यह दुनिया में व्यापार कर सके इस लिए ईस्ट इंडिया कंपनी का निर्माण हुआ था! ईस्ट इंडिया कंपनी पूरी दुनिया में अपना बिजनेस, व्यापार के लिए अलग-अलग देश में जाया करते थे! इस प्रकार से भारत में भी ईस्ट इंडिया कंपनी के अंग्रेज भारत में व्यापार करने के लिए आए थे, जब अंग्रेजों ने देखा है भारत हिंदुओं का देश है यहां सनातनियों का देश है जहां भगवान राम कृष्ण बुद्ध महावीर का देश है! और यहां पर विदेशी आक्रमणकारी मुगलों का शासन है और यहां के हिंदुओं को जीना हराम कर दिया फिर अंग्रेजों को दया आया और फिर उन्होंने सन 1756 में भारत पर शासन जमाने के लिए मुगलों से लड़ाई की भारत के सनातनियों के धर्म कों बचाया और उनकी मां बहनों की इज्जत लूटने से बचाया यह अंग्रेजों का कर्तव्य बना था! और भारत में मुगलों के गुलाम बने यहां के लोग सिर्फ इस्लाम धर्म को कबूल करवाया इतिहास रहा है की भारत में रह रहे सभी जाती के लोगों में मुगलों के सलाहकार वीरवल ब्राह्मण हुआ करते थे मुगलों के सेना में जय सिंह हुआ करते थे! भारत के मूलनिवासी यहां पर भूखे मरते थे! यही मुगलों का इतिहास रहा है और यहां के लोगों का भी इतिहास रहा है कि भारत में भारत लोगों को देखकर एक दूसरे को नफरत से देखते थे भारत में भारत के मूल निवासियों को कुछ जाती के लोग ऊंचा नीची जातियों से देखते थे, आज यही कारण है,भारत को खंड-खंड की धरती धर्म के नाम अलग-अलग देश बनाया गया है,इसी कारण से मुगलों ने भारत पर आक्रमण किया और यहां के लोगों नें मुगल से मिलकर भारत देश कों गुलाम बनाया था क्योंकि यहां के लोग ही यानि भारत में रहने वाले ही lनमक हराम गद्दार थे! जब होती है भारत की बात भारत देश में ही गद्दार हैं,इस लिए की भारत के अंदर नमक हराम बैठे हैं,अफगानिस्तान अलग हुआ पाकिस्तान अलग हुआ बांग्लादेश अलग हुआ इसका कारण है कि भारत देश के अंदर ही गद्दार बैठे हैं और गद्दारों के द्वारा भारत खंड-खंड में बट रहा है इसका अर्थ होता है कि भारत के अंदर एकता खंडता पूरी तरह खत्म हो चुकी है!

भारत को खंड-खंड करने वाले कौन है!

India & Afghanistan,भारत और अफगानिस्तान के सन 1909 में बटवारा के बाद, 1947 में भारत से पाकिस्तान बना,1971 में भारत से बांग्लादेश बना, इसी प्रकार से जम्मू कश्मीर 370/35A-धारा लगाकर भारत से अलग रखना चाहते थे, इससे आने वाले समय में भारत से जम्मू कश्मीर अलग देश बनाया जा सके, यह भारत के कुछ राजनीतिक पार्टी गंदे राजनीति के कारण भारत के नमक खाने के बाद भारत के साथ नमक हरामी करते रहते हैं, इसलिए भारत अलग-अलग खंड-खंड में बट गया हैं,भारत से अफगानिस्तान कब क्यों अलग हुआ था!नेपाल,श्रीलंका,भूटान,बांग्लादेश,पाकिस्तान,अफगानिस्तान,ब्रह्मदेश,और भी देश है जो भारत अलग होकर अलग-अलग देश बने हैं,!

भारत के गणराज्य संस्थापक चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने भारत मौर्य साम्राज्य के अधीन इन्होंने भारत का स्थापना की थी, एक भारत श्रेष्ठ भारत नेक भारत, मगर इसी भारत में रहने वाले नमक खाने वाले इसी देश से गद्दारी करना शुरू कर दिया अपने स्वार्थ अपने मतलब के लिए देश को बांटना शुरू कर दिया था, रही बात अंग्रेजों की अंग्रेजी ने भारत में आने के बाद भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर हों,रेलवे हो, बिजली हो,शिक्षा हो, सभी प्रकार का बढ़ावा दिया और जागरूकता लाया रही बात अंग्रेजों ने भी देश के लोगों के साथ में कहीं ना कहीं नाइंसाफी भी की है! मगर मुगलों ने 700 साल में यहां पर बैलगाड़ी हाथी घोड़े से ही चला करते थे,और अंग्रेजों का आने के बाद में रेलगाड़ी,एयरप्लेन,बस,ट्रेन,ट्रक,अनेक-अनेक प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई लोगों को शिक्षित बनाया, भारत के मूल निवासियों को जीने का अधिकार मिला,1947 बाद जब अंग्रेज भारत छोड़कर जा रहे थे, भारत के संविधान बनाने वाले अनेक लोगों में से संविधान के अध्यक्ष डॉ बाबा साहब अंबेडकर जी नें जिन्होंनें संविधान को पूर्ण रूप से एक भारत श्रेष्ठ भारत एक समान सर्व समाज संविधान बना और भारत 1947 से लेकर अब तक संविधान चल रहा है! इसी बीच में 1971 में इंदिरा गांधी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत से बांग्लादेश बना दिया था!

बांग्लादेश भी धर्म के आधार पर हिंदू और मुस्लिम के नाम पर इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश बनाया और इसके पहले 1947 में उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू जी ने जिन्ना को प्रधानमंत्री बनने के लिए अब खुद प्रधानमंत्री बनने के लिए भारत और पाकिस्तान बनाया था!बहुत शर्म की बात है चंद दिनों की कुर्सी के लिए देश को बंटवारा करना देश को तोड़ने की बात होती है इस पर कोई भी व्यक्ति नहीं बोलेगा क्या देश कोई घर नहीं है कि बटवारा करो, नेताओं को लगता है की धर्म की राजनीति कुकर्म की राजनीति गंदे राजनीती करने वालों को अच्छा लगता है मगर देश के साथ गद्दारी करना ठीक नहीं होता हैं, ईस्ट इंडिया कंपनी के ब्रिटिश सरकार अगर भारत में नहीं आया होता अब तक भारत ईरान इराक और अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसा खंडहर देश बन के रह गया होता इस लिए की अंग्रेजों ने इस देश के लिए रेलवे की,सुविधा दिया,बिजली दिया,शिक्षा दिया,और इस देश के काफी क्रांतियां के साथ उन्होंने अत्याचार भी की इसके बाद भारत कों आजादी मिली हैं!

अफगानिस्तान में हिन्दू धर्म कितने मंदिर तोड़ी गई थी !
Bharat-भारत से अफगानिस्तान धर्म के नाम पर अलग हुआ था इसका सबसे बड़ा कारण है कि 2400 साल पहले अफगानिस्तान की धरती पर भगवान महावीर,और भगवान बुद्ध का पूजा पाठ किया जाता था भारत के गणराज्य चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, 2400 वर्ष पहले भारत के अधीन अफगानिस्तान भारत राज्य का हिस्सा हुआ करता था,और भगवान बुद्ध को मानने वाले अफगानिस्तान में,पाकिस्तान,बांग्लादेश,में हुआ करते थे1400 साल पहले इस्लाम धर्म आया और कुछ हिंदू, पारसी अन्य लोग,अपने अपने धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म में चले गए या और कोई कारण रहा होगा कोई बात हों सकता हैं,2400 साल पहले सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र चक्रवर्ती सम्राट बिंदुसार मौर्य के महान पुत्र प्रियदर्शी राजा अशोक के द्वारा 2300 साल पहले अफगानिस्तान में 277 फीट की भगवान बुद्ध की मूर्ति बनवाई थी भगवान बुद्ध की मूर्ति बनवाने के लिए एक विशाल पहाड़ को काटकर उसे पहाड़ में भगवान बुद्ध की मूर्ति को आकार दिया गया था बहुत खूबसूरत मूर्ति बनाया गया था,उस समय भारत और एशिया में सनातन धर्म हुआ करता था सनातन धर्म आज भी है! इस्लाम धर्म आने के बाद में जैसे भारत के हिस्से में मुस्लिम धर्म के लोंग बसाए गए या आकर बस गए थे,धीरे धीरे जैसे इनकी जनसंख्या बढ़ती गई और उसके बाद अफगानिस्तान में भगवान महावीर,भगवान बुद्ध अनुवाइयों को कट्टरपंथियों द्वारा मार डाला गया और कुछ लोगो कों डरा धमकाकर धर्म को परिवर्तन कर लिया था! इसी प्रकार से अफगानिस्तान में सैकड़ो मंदिरों को तोड़ दिए गए थे कुछ मंदिर और स्मारक जों बचे थे जिसमें 277 फिट की भगवान बुद्ध की मूर्तियां थी उसे 1993 में इस्लामी तालिबानी कटरपंक्तियों द्वारा पूरी तरह बारूद लगाकर तोड़ दिया गया उस समय भारत सरकार या भारत का कोई नेता सक्त कदम नहीं उठाया सोचने वाली बात है की अफगानिस्तान,भारत का हिस्सा हुआ करता था,भारत से अलग होनें के बाद भगवान बुद्ध की मूर्ति तोड़ी जा रही थी तब अफगानिस्तान के कट्टरपंथियों को भारत सरकार को सक्त कार्रवाई करनी चाहिए थी! यह कमिया भारतीय नेता,और भारत सरकार के प्रधानमंत्री की थी हैं! अगर विरोध किया गया होता तो तालिबानी कट्टरपंथीयों नें भगवान बुद्ध की मूर्ति तोड़ने के लिए सौ बार सोचते, यही कारण है कि इन कट्टरपंथियों के कारण इनके पूर्वज के द्वारा 1909 में भारत से अफगानिस्तान कों अलग किया था इसलिए की अफगानिस्तान कों इस्लामिक देश बनकर वहां पर रह रहे हिंदुओं को सिखों को मुसलमान बन सके या उनकी हत्या कर दी जाती थी आज 2021में अफगानिस्तान पर तालिबान के कट्टरपंथियों का शासन चल रहा है!

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