Varanasi-काशी में गंगा के किनारे माँ गंगा की आरती अद्भुत है.! |
वाराणसी काशी घाट मां गंगा की आरती.. |
भारत के उत्तर प्रदेश: जिला-वाराणसी प्राचीन काल से जिसे काशी के नाम से जाना जाता है!
विश्व के प्राचीन मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर के किनारे माँ गंगा की आरती, |
Varanasi :काशी सनातन धर्म का एक तीर्थ स्थल है! यहां पर सदियों से भगवान शिव शंकर भोलेनाथ का मंदिर है श्री काशी विश्वनाथ के नाम पर जाना जाता है!
काशी विश्वनाथ मंदिर विश्व धरोहर का एक विशाल मंदिर है!
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर यह मंदिर गंगा जी के किनारे पर स्थित है! इस मंदिर पर कई बार देश के गद्दार दुश्मनों ने आक्रमण किया जान मलिक नुकसान पहुंचा सोने चांदी लूट लिया उसके बाद भी यह मंदिर अपने आप में आज भी सोने से गुंबज के रूप में विश्व की प्राचीन मंदिर दर्शन करने के लिए खूबसूरती देखने के लिए भारत देश के कोने-कोने से और विदेशों से लोग यहाँ आते हैं!
जिला -वाराणसी तीन नाम से जाना जाता है!
उत्तर प्रदेश:जिला- वाराणसी जिसे बनारस के नाम पर भी जाना जाता है!
वाराणसी को काशी और बनारस के नाम पर भी जाना जाता है!
वाराणसी खुद लोगों को करना है कि वरना नदी के नाम से प्रसिद्ध हैँ! और काशी नाम इसलिए पड़ा जो श्री काशी विश्वनाथ महाराज का मंदिर है! काशी विश्वनाथ महाराज का मंदिर बनारस के राजा काशी नरेश के नाम से जाना जाता है! वाराणसी के दूसरा नाम बनारस इसलिए कहा जाता है जहां पर बनारसी साड़ी की प्रसिद्ध साड़ियां बनाई जाती है!
*राजा हरिश्चंद्र घाट से लेकर अस्सी घाट जब बड़े-बड़े संत ऋषि मुनियों का घाट यहां पर विराजमान है माता गंगा का भी विशाल रूप से मंदिर विराजमान है!
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की जो कॉरिडोर बनाई गई है यह अपने आप में बहुत अद्भुत है! श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर के गंगा के किनारे तक की कॉरिडोर को बनाया गया है! जीससे भक्तगढ़ लोग स्नान करके श्री काशी विश्वनाथ जी का दर्शन कर सके! श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने के लिए चारों दिशा से चार कॉरिडोर प्रवेश द्वार बनाए गए हैं’ द्वारा बनाने में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा योगदान रहा है!
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पूजा अर्चना भब्व रूप से किया जाता है!
काशी विश्वनाथ की गंगा के किनारे माता गंगा जी का भी आरती किया जाता है जहां पर कई हजारे लाखों की संख्या में लोग गंगा आरती में शामिल होते हैं! गंगा आरती सदियों से चला रहा है !
भारत के प्राचीन मंदिर वाराणसी जाने के लिए अनेक मार्ग क्या है!
भगवान श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक मुंबई से लेकर के बंगाल तक उड़ीसा से लेकर के भारत के कोने-कोने तक भारतीय रेलवे की सुविधा उपलब्ध रहते हैं! वाराणसी जंक्शन नई रेलवे स्टेशन बनारस जंक्शन तथा काशी स्टेशन 4/5 किलोमीटर के अंतर्गत दुरी में श्री काशी विश्वनाथ जी का मंदिर स्थित है! वाराणसी आने वाले देश और विदेश के भक्तों को काशी जैसा शहर काशी जैसा भव्य मंदिर दुनिया में कहीं नहीं देखा गया जहां पर वाराणसी जैसी शहर 24 घंटे बाजार खुले रहते हैं आने-जाने की तरह-तरह की वहां मिलते रहते हैं!
वाराणसी में घूमने के लिए कौन-कौन सा स्थान है!
वाराणसी घूमने के लिए प्रथम श्री काशी विश्वनाथ महाराज का मंदिर स्थित है! माता गंगा किनारे हजारों लाखों की संख्या में लोग स्नान करते हैं मां गंगा को फूल अर्पित करते हैं तथा वाराणसी से कुछ दूरी पर श्री सारनाथ जहां भगवान बुद्ध ने अपनी ज्ञान के प्रति का पहला अपने पांच शिष्यों को उपदेश दिए थे यह विशाल मंदिर सारनाथ में स्थित है!
भगवान बुद्ध का मंदिर 2300 वर्ष पहले राजा अशोक द्वारा बनाई गई थी यह मंदिर सारनाथ मे कई किलोमीटर में स्थित है !
Varanasi-काशी- जब बात आती है तो वाराणसी की बनारस प्राचीन काल से आज तक धर्म की नगरी कही जाती है! काशी, वाराणसी और बनारस, त्रिमूर्ति नाम एक ही शहर का नाम है! यह नाम अपने आप में बहुत अद्भुत है, जहां पर श्री काशी विश्वनाथ महाराज स्वयं विराजमान है! जहां पर 26 वर्ष पहले भगवान बुद्ध स्वयं पहली बार यहां आए थे! भगवान बुद्ध का चरण पड़ा था भगवान बुद्ध ने पहले प्रवचन अपने पांच शिष्य को श्री सारनाथ में ही दी थी! वाराणसी सारनाथ पावन धरती भारत ही नहीं विश्व कोने कोने में प्रसिद्ध है! वाराणसी में माता गंगा जी की आरती का भी बहुत मान्य है!
वाराणसी एक देवी देवताओं गुरुओं का धरती है! जिससे काशी विश्वनाथ भी कहते हैं जिसे वह बनारस भी कहते हैं जिसे वाराणसी के नाम पर भी जाना जाता है! वाराणसी अलग रेलवे स्टेशन है काशी अलग रेलवे स्टेशन है बनारस अलग रेलवे स्टेशन है! यह तीनों रेलवे स्टेशन लगभग तीन से चार किलोमीटर के अंतर्गत पर आते हैं! अगर आपको वाराणसी और सारनाथ नगरी को घूमने के लिए जाना है तो आप वाराणसी रेलवे स्टेशन से सभी देवी देवताओं का स्थान पर आप ऑटो रिक्शा के सुविधा पहुंच सकते हैं !
काशी मे माँ गंगा अद्भुत हैँ!