श्री कृष्णा के कितनी रानियाँ कितने पुत्र थे सम्पूर्ण जीवनी!

श्री कृष्णा के कितनी रानियाँ कितने पुत्र थे सम्पूर्ण जीवनी!

श्री कृष्णा की जीवनी!

श्री कृष्ण-द्वापरयुग की बात है जहाँ संसार की बात होती है! वहाँ श्री कृष्ण जी की पहला नाम आता हैं! माता देवकी पुत्र नंदन है! पालन कर्ता माता यशोदा नंदन श्री कृष्ण का नाम इनका नाम कान्हा रक्खी थी! श्री कृष्णा बचपन में बहुत नटखट हुआ करते थे! इसलिए माता देवकी पुत्र श्री कृष्णा जी की पालन कर्ता माता यशोदा थी!

श्री कृष्ण का जन्म कहां पर हुआ था!

श्री कृष्णा का जन्म मथुरा के राजा और इनके मामा कंस के कारागार में हुआ था! भाद्रपद महिना में श्री कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि,रोहिणी नक्षत्र के दिन रात्रि 12:00 बजे हुआ था! पितामह वासुदेव महाराज माता देवकी के आठवें पुत्र के रूप में श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ था!श्री कृष्णा अपने सात बहनों से छोटे हैं!आठवें पुत्र के रूप में माता देवकी देवी के नंदन हैं! मथुरा का कंस राजा एक क्रूर शैतानी राजा था उसकी किसी ने भविष्यवाणी किया था तुम्हारे भांजे ने तुम्हारा वध करेंगे ! इसलिए वह मथुरा पापी जैसे शासन के रूप में जाना जाता था! इसलिए अपने बहन अपने बहनोई को कारागार में बंद करवा दिया था माता देवकी जब जब पुत्रीया जन्म लेती थी तब तब उसे जाकर अपने हाथों से मृत्यु दंड दे देता था! जब आठवें रूप में श्री कृष्ण का जन्म हुआ था! उस समय मथुरा के नगर में आंधी और तूफान के साथ-साथ वहाँ के लोंग सभी लोंग मूर्छित हो कर सो गए! कृष्ण जन्म के बाद कारागार के सभी सिपाही तक सो गए कारागृह के दरवाजे के ताला स्वम खुल गए थे !

श्री वासुदेव जी श्री कृष्ण के जन्म के बाद कहा लगे थे!

भगवान श्री कृष्णा के पितामह श्री,वासुदेव ने बहुत चिंतित हुए कही कंस ना आजाय वासुदेव महराज नें श्री कृष्ण को लेकर के यमुना पार चले गए! जीससे कंस अत्याचारी श्री कृष्ण के साथ कंस दंड ना दे सके जैसे उन पुत्री की तरह दंड कों दंड दिया था ! श्री वासुदेव महाराज श्री कृष्ण को एक दौरी में रख कर यमुना पार गोकुल नगरी में एक घर गए जहाँ माता यशोदा और नंद का घर था! श्री कृष्ण को सौप कर यशोदा माता की पुत्री को उठा लाए जिससे कंस यशोदा माता की पुत्री का वध करने आया तब आकाशवाणी हुई! माता यशोदा की पुत्री आठवीं पुत्री समझकर कंस पाव पकड़ कर फेंका और वह कई कोष के पास जा गिरी जहाँ पर आज विंध्याचल मंदिर से 8 किलोमीटर दूर अष्टभुजी देवी के रूप में विराजमान हों गई!

श्री कृष्ण की बाल्या वस्था कैसी थी!

श्री कृष्ण को माता यशोदा नें लल्ला के नाम से पुकारती थी! कंस कों आहत हो चुका था कि श्री कृष्ण का जन्म हो चुका है! और जमुना पार गोकुल में किसी के घर छुपाया गया हैं! कई शैतानी महिला राक्षस पूतना कों दूध पिलाने के बहाने श्री कृष्ण को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया मगर श्री कृष्ण ने उसका भी वध कर दिए! कंस नें बहुत प्रयास किया मगर कंस का मृत्यु तय था ! श्री कृष्णा बाल अवस्था में कंस का वध कीए और अपने नाना नानी एवं माता-पिता को कारागार से मुक्त कराए!

श्री कृष्ण के जन्म दाता कर्म दाता की माँ पिता की जानकारी!

भगवान श्री कृष्णा के जन्म दाता माता देवकी,पितामह वासुदेव जी ! महाराज,पालन करता माता का नाम माता यशोदा महाराज नंद बाबा पालक पिता हैं!

निवास स्थान: गोकुल,वृंदावन, द्वारकाधीश,गोकुल

श्री कृष्णा का अस्त्र क्या था!

सुदर्शन चक्र था!

श्री कृष्ण के जीवन साथी के बारे में जानकारी!

1-रुक्मिणी2- जाम्बवन्ती3- सत्यभामा4-कालिन्दी5-मित्रबिन्दा6-सत्या7-भद्रा8-लक्ष्मणा9- राधा…

श्रीकृष्ण जी के भाई और बहन का क्या नाम था!

भाई बलराम बहन सुभद्रा,थी!

श्री कृष्ण भगवान कों कितने पुत्र थे!

भगवान श्रीकृष्ण के लगभग (अस्सी) 80 पुत्र और पुत्रीया थी किन किन रानी के पुत्र को जन्म दी थी! अधिक जानकारी!

प्रद्युम्न,चारुदेष्ण, सुदेष्ण, चारुदेह, सुचारू, भद्रचारू,चारुगुप्त,चारुचंद्र, विचारू और चारू रुक्मिणी के पुत्र थे!सुमित्र, साम्भव, पुरुजित, शतजीत, सहस्त्रजित, विजय,चित्रकेतु वासुमान,द्रविन्ड़और क्रतु जाम्बवती के पुत्र थे!सुभानु,भानु स्वरभानु,भानुमान प्रभानु, चंद्रभानु, वृहद्भानु,अतिभानु,श्रीभानु,और प्रतिभानु सत्यभामा का पुत्र थे!!कवि,श्रुत,वृष,वीर, सुबाहु,भद्र, दर्श,शांति, पूर्णमास, सोमक और कालिंदी के पुत्र थे!वहींवृक, हर्ष,अनिल,गृध्र,वर्धन, अन्नाद,महांस,पावन,वह्नि और क्षुधि, मित्रविन्दा के पुत्र कहलाए.जबकि प्रघोष, गात्रवाण ,सिंह बल,प्रबल,ऊध्र्वग,महाशक्ति, सह,ओज और अपराजित,लक्ष्मणा की गर्भ से जन्मे थे! वीर,चन्द्र,अश्वसेन,चित्रगुप्त,वेगवान,वृष,आमशंकु,वसु और कुंति,सत्या के पुत्र कहलाए और संग्रामजित, वृहत्सेन,प्रहरण,शुर,अरिजित, जय सुभद्र,वाम और आयु और सत्यक,भद्रा,के पुत्र थे!

श्री कृष्ण के शास्त्र क्या था!

भागवत पुराण,ब्रह्मवैवर्त पुराण,श्री विष्णु पुराण, महाभारत की भागवत गीता,

गीत गोविंद,गर्ग संहिता हरिवंश, सनातन धर्म का ग्रन्थ हैं!

भगवान श्री कृष्णा के कितने नामों से जाने जाते हैं!

भगवान श्री कृष्णा के कितनें नाम हैं कान्हा, लल्ला, कन्हैया, श्याम, गोपाल,केशव, नन्दलाला,द्वारकाधीश, गोपाल, द्वारकाकेश,बाल गोपाल,राधा के कृष्ण, विष्णु देव रूपी अवतार हैं! भगवान श्री कृष्णा 124 वर्ष धरती पर अपनी माया की जीवन लीला के बाद अपनी शरीर त्याग दिए ! भगवान श्री कृष्ण का जीवनी बहुत बड़ी है इनका अच्छी कर्म अच्छे लीला अपरंपार माया है! विष्णु अवतार में जन्म लिए थे और सनातन धर्म हिंदू धर्म के मार्ग दर्शक हैं!

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JAI SHREE KRISUNA

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