The Great Sculptor –यु-पी”सीतापुर का मूर्तिकार नवल मौर्य का अद्भुत कलाकारी.?
murtikar
मूर्तिकार : सीतापुर
Mooratikaar-Naval MauryaJila-Sitapur Uttar Pradesh, |
भारत में प्राचीन काल से मूर्तिकारों की बहुत योगदान रहा है!
उत्तर प्रदेश: जिला- सीता पुर के नवल मौर्य नमक मूर्ति शिल्पिकार का अद्भुत कला देखकर लोगों ने बहुत से लोग अनेक अनेक मूर्ति बनवाने के लिए आर्डर देते रहते हैं!भारत के महान अशोक स्तंभ जैसे – चक्रवर्ती शेर का अशोक स्तंभ भी बहुत खूबसूरत बनाया है! नवल मौर्य नमक कलाकार के पास कई टीम है ! जो अपनी कला से बहुत अद्भुत कलाकारी से मूर्तियां बनाते रहते हैं! किसी भी देवी देवता का हो किसी भी प्राचीन इतिहासकारों का हो – चाहे महान पुरुषों का भी हो – सभी की मूर्तियां अपने कला बनाते हैं!!
एक मौर्य मूर्तिकार की कहानी लिखी गई है!
The Great Sculptor :प्राचीन समय की बात है भारत में सबसे पहले पत्थरों का शिलालेख भारत के चक्रवर्ती सम्राट बिंदुसार मौर्य के पुत्र राजा अशोक महान के द्वारा लिखी गई थी! 2300 वर्ष पहले की बात है भारत की चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान शासन काल में भारत में पत्थरों की मूर्तियों की ज्यादा से ज्यादा बनाई गई थी और सम्राट अशोक द्वारा बनवाई गई थी!
भारत दुनिया का वह देश था जिसे विश्व गुरु कहा जाता था!
भारत की धरती भगवान महावीर भगवान बुद्ध जैसे लोगों ने जन्म लिए हैं! इनकी प्राचीन भाषा पाली और संस्कृत हुआ करते थे!
अखंड भारत के संस्थापक कौन थे उनका नाम क्या था!
भारत देश का नाम सभी जानते हैं! भारत देश की स्थापना किसने की थी किसी किसी को पता है! 24 साल पहले की बात है तब भारत देश खंड-खंड बात हुआ इसी भारत में कई हजार देश छोटे-छोटे बनाकर राजा रानी बनाकर आम जनता को लूट घसोट मचा रखे थे! राजकुमार चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म मौर्यन पीपलवन के एक राजा के घर हुआ था उनके पिता का नाम था राजा चंद्रवर्धन मौर्य
(मौर्य पीपलीं वन) के राजा थे! वर्तमान में आज गोरखपुर कहा जाता है!
इनके अनेक पुत्रों में एक पुत्र का नाम था चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य-बिहार के जिला मगध का राजा धनानंद द्वारा उनके राजपथ के उजाड़ दिया गया और उनके पिता की हत्या कर दी गई थी! चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य इनके बड़े भाई विष्णुगुप्त के माध्यम से उसे पराजित कर वहां के मगध के राजा बने! चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य 18 वर्ष की उम्र में मगध के राजा के रूप में भारत की स्थापना की शुरआत कर 8 वर्षों में पूर्ण रूप से भारत का निर्माण किये थे!छोटे-छोटे देश बनकर छोटे-छोटे राजाओं को भारत के अनेक राज्य का स्थापना की भारत के 25 वर्ष शासन के बात उनके पुत्र चक्रवर्ती सम्राट बिंदुसार इनका उत्तराधिकारी बने!चक्रवर्ती सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य ने भारत की धरती पुनर्जन्म के लिए अपनी 42 वर्ष वायु कर्नाटक के श्रवण बेला के ऊंची पर्वत पर चले गए जहाँ भगवान महावीर केअनु बने और अपनी 42 वर्ष में प्राण को त्याग दिए! इतिहास के पन्नों में आज भी श्रावणबेला में चंद्रगिरी पर्वत के नाम से जाना जाता है!
सत्य का उदाहरण है!
जिस प्रकार से आज हमारे देश में सत्य सूरज की तरह चमकता है!
भारत का उत्तर प्रदेश राज्य में जिला सीतापुर की कहानी है !
जब मौर्य वंश की बात आती है अगर मौर्य वंश में कोई शिल्पिकार और वह भी मौर्यवंशी हो इस मौर्यबंसी शिल्पीकार के बारे में कई लोगों ने बताया कि यह व्यक्ति बहुत अद्भुत मूर्ति बनाने की अद्भुत कला हैं! मौर्य वंश कहीं देश का निर्माण करता है मौर्य वंश क़ृषि का निर्माण करता है मौर्य वंश की कहानी रही है पत्थर मिट्टी से मनुष्य के मूर्ति का शिल्पिकार का बनता है! मौर्य वंश को पाली भाषा में खत्रीय कहा जाता था! खत्रीय का अर्थ होता है किसनो का राजा,,?
चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान की मूर्ति, |
मौर्य वंश के मूर्ति कलाकार नवल मौर्य ने Facebook ट्विटर के माध्म seअन्य लोगों तक अपने मूर्ति कला का प्रचार प्रसार करते रहते हैं! इसी कलाकार के ऊपर एक इतिहास लिखी गई है जो – भारत के संस्थापक चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य हुआ करते थे! ऐसे महान देश में महान कलाकारों की कमी नहीं है! नवल मौर्य नामक इस लड़के ने अपनी कला से मूर्तियां बनाकर लोगों का दिल जीत लेता है!
भगवान बुद्ध की कितना खूबसूरत मूर्ति बनाया है! |
आज भारत क्या पूरे दुनिया में कंप्यूटर के आने से लोग कंप्यूटर द्वारा फोटो चित्र बना लेते हैं! मगर पत्थर या सीमेंट मिट्टी की मूर्ति कलाकारी है बहुत कम लोगों में ही पाया जाता है! बहुत गर्व की बात है आज ही भारत में ऐसे पत्थर की मूर्तियां बनाने वाले कलाकार आज भी है!